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फाइल फोटो
पटना (आईएएनएस)| बिहार में दो दिनों के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आवास और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास पर पवित्र रमजान के महीने में दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया।
जदयू और राजद के नेताओं द्वारा दिए गए इस इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के तो करीब करीब वही नेता नजर आए, लेकिन कई चेहरे अलग भी नजर आए। इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या दावत ए इफ्तार से बिहार में सियासी तस्वीर बदलेगी।
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इफ्तार में लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, जान अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव नजर नहीं आए थे, लेकिन राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी में ये दोनों नेता भी मौजूद रहे।
हालांकि, राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी दोनो इफ्तार पार्टी में नजर नहीं आए।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, लेकिन कुछ ही समय के बाद उन्होंने यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री से अब बिहार में कुछ नहीं हो सकता।
वैसे, चिराग और तेजस्वी काफी समय तक साथ बैठे और दोनों नेता बात करते दिखाई दिए।
इस बीच, जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने चिराग को महागठबंधन में आने का ऑफर दिया है। केसी त्यागी ने कहा है कि इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान आए यह बहुत सुखद पल था। अगर संभावना बनती है तो चिराग पासवान का महागठबंधन में स्वागत है।
त्यागी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार, लालू यादव, रामविलास पासवान, शरद यादव, हम सब लोग एक ही परिवार के सदस्य रहे हैं। मुझे बहुत प्रसन्नता होगी यदि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रहे महागठबंधन में चिराग पासवान शामिल होते हैं।
वैसे, जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। जदयू के नेता कुमार कहते हैं कि त्यागी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनका बयान पार्टी के लिए अधिकृत बयान नहीं हो सकता। उनकी यह व्यक्तिगत इच्छा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान जैसे नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिए हैं वैसे ही राजनीतिक आशीर्वाद लेने के लिए भी उन्हे मुख्यमंत्री के पास आना होगा।
बहरहाल, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सत्ता पर काबिज महागठबंधन के रास्ते चिराग के लिए उतने आसान नहीं हैं। हालांकि तेजस्वी के साथ उनकी नजदीकियों को नकारा भी नहीं जा सकता।
वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि चिराग पासवान ने एक रणनीति के तहत राबड़ी देवी के आवास पर जाने का निर्णय लिया।
कहा जा रहा है कि लगातार नीतीश पर सियासी हमलावर रहने वाले चिराग अगर नीतीश कुमार के इफ्तार में चले जाते तो यह संदेश जाता कि चिराग ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस स्थिति में चिराग भाजपा के साथ-साथ राजद के लिए भी एक दरवाजा खुला रखना चाहते हैं।
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