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बेटी की मौत: भड़के मायके वालों ने फूंका ससुराल वालों का घर, दो की मौत से फैली सनसनी

jantaserishta.com
19 March 2024 4:44 AM GMT
बेटी की मौत: भड़के मायके वालों ने फूंका ससुराल वालों का घर, दो की मौत से फैली सनसनी
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प्रयागराज: प्रयागराज में शादी के एक साल बाद ही बेटी के ससुराल में आत्‍महत्‍या कर लेने पर मायके वालों का गुस्‍सा भड़क गया। उन्‍होंने बेटी की ससुरालवालों के घर में आग लगा दी। आग की लपटों से पुलिस ने जैसे-तैसे पांच लोगों को बचा लिया लेकिन सास और ससुर की मौत हो गई। पुलिस को सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों के शव मिले।
मामला मुट्ठीगंज थाने के बगल का है। यहां रहने वाले फर्नीचर व्यापारी अंशु केसरवानी की पत्नी अंशिका केसरवानी ने सोमवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। सूचना पर पहुंचे मायके वालों ने रात में ही हंगामा शुरू कर दिया। अंशिका का शव सड़क पर रखकर गुस्सा जताने लगे। इस बीच किसी ने अंशु की फर्नीचर की दुकान में आग लगा दी। दरवाजे में भी आग लगने से व्यापारी के परिजन मकान में फंस गए। पुलिस ने मकान की पहली और दूसरी मंजिल पर फंसे लोगों को बाहर निकाला। तीसरी मंजिल पर रात 1:30 बजे तक आग पूरी तरह नहीं बुझी थी। पुलिस ने रेस्क्यू करके पांच लोगों की जान बचाई लेकिन मकान के अंदर फंसे अंशिका के सास और ससुर बाहर नहीं आ पाए। सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों का मकान में शव मिला। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
धूमनगंज के रहने वाले सरदारी लाल की बेटी अंशिका (26) की 23 फरवरी 2023 को मुट्ठीगंज थाने के पास रहने वाले अंशु केसरवानी के साथ शादी हुई। बताया जाता है कि शादी के दिन किसी बात पर अंशु ने नाराजगी जताई थी। आरोप है कि ससुराल वाले अंशिका को प्रताड़ित करते थे। सोमवार रात करीब 1030 बजे अंशिका के घर वालों को सूचना मिली कि उसने फांसी लगाकर जान दी है। परिवार, रिश्तेदार और मोहल्ले वाले मुट्ठीगंज पहुंचे और हंगामा करने लगे। आरोप लगाया कि उसका हाथ जला दिया और हत्या कर फांसी के फंदे पर टांग दिया। अंशिका का शव घर से निकाल कर बाहर सड़क पर रख दिया और कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस बीच अंशु के घर वालों को मकान में ही जलाने की कोशिश की गई। सबसे पहले दुकान में आग लगा दी गई। फर्नीचर की दुकान में आग लगते ही लपटों ने भयावह रूप रूप ले लिया। एसीपी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों को शांत कराया।
मुट्ठीगंज थाने के बगल में अंशु पुत्र पप्पू केसरवानी का तीन मंजिला मकान है। मकान के नीचे हिस्से में ही फर्नीचर की दुकान है। ऊपर के दोनों मंजिल पर वह अपने मां-बाप और छोटी बहन के साथ रहता है। आरोप है कि पत्नी अंशिका के फांसी लगाने पर मायके वालों ने जब हंगामा शुरू किया तो अंशु पीछे से भाग निकला था। बताया जा रहा है कि इस बीच उसके मां-बाप और छोटी बहन वहां से ऊपरी मंजिल पर चले गए। इस दौरान मकान में आग लगा दी गई। आग की लपटें बढ़ने लगीं तो वहां का मंजर भयावह हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस के भी हाथ पांव फूलने लगे। वहां पर काफी भीड़ एकत्र हो गई थी। एक तरफ पुलिस को भीड़ से उलझना पड़ रहा था तो दूसरी ओर बचाव अभियान भी चलना था। पुलिस की टीम फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही रेस्क्यू में लग गई। पुलिस ने दुकान का शटर तोड़ा। इससे जहरीला धुआं ऊपर फैलने का खतरा कम हो गया। इसके बाद पुलिस ने ऊपर जाकर अंदर फंसे लोगों को एक-एक करके बाहर सुरक्षित निकाला। लेकिन सास और ससुर को नहीं बचा सकी। सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों के शव मिले।
मुट्ठीगंज में सोमवार रात ऐसा भयावह मंजर बन गया कि उसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। फर्नीचर की दुकान में आग लगने के बाद आग की लपटों ने ऐसा रूप धारण किया कि उसे देखकर लोग चिल्लाने लगे कि अंदरै मर जइहैं...। पुलिस को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। आग की लपटें बढ़ती जा रही थी। वहां से गुजरने वाले भी गाड़ी रोककर इस मंजर को देख रहे थे। चीखने और चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी। आसपास के घरों में रहने वाले भी दहशत में थे। आग की लपटें बढ़ीं तो बिजली का तार जलकर गिर गया। इस बीच स्थानीय लोगों ने इस भयानक मंजर का वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर शेयर किया। लोग चिल्ला रहे थे कि बाहर ना आओ। अंदर जाओ अंदर जाओ। दरअसल उस वक्त अंशु के घर वाले मकान में ही फंसे थे। बाहर आग होने के कारण उनका निकलना मुश्किल था। बालकनी या छत की तरफ निकालने की जगह उन्हें पीछे की तरफ जाने की सलाह दी जा रही थी।
देर रात पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा पहुंचे। उन्होंने मकान की तीसरी मंजिल पर लोगों के फंसे होने की आशंका पर सर्च ऑपरेशन चलवाया। पुलिस ने बताया कि रात दो बजे तक मकान की पहली और दूसरी मंजिल पर सब कुछ ठीक था। तीसरी मंजिल पर आग सुलग रही थी। वहां धुआं भरा था। इससे फायरकर्मियों को अंदर जाने में मुश्किल हो रही थी। अंशु के परिजनों का कहना था कि जिन घरवालों के भागने की बात कही जा रही थी, वो अंदर ही फंसे हैं।
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