भारत
झूठी शान की खातिर दी जा रही बेटियों की कुर्बानी, ऑनर किलिंग का मामला दर्ज
Shantanu Roy
26 Sep 2023 11:05 AM GMT
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कैथल। समाज में झूठी शान के कारण लगातार बेटियों का कत्ल किया जा रहा है। जिनकी गलती सिर्फ इतनी होती है कि भारतीय संविधान से मिली आजादी के कारण वह बिना जाति और मजहब देखें अपना पसंदीदा जीवन साथी चुन लेती हैं। जिससे लड़की के परिवारजन इसे अपनी शान के विरुद्ध समझते हैं, इसी शान की खातिर अपने ही हाथों से बेटी का कत्ल कर देते हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है, जहां एक पिता द्वारा अपनी इज्जत के खातिर बेटी को मौत के घाट उतार दिया हो। इससे पहले न जाने कितने ऐसे मामले आए हैं, जिन्हें अंतर जातीय प्रेम प्रसंग बेटियां सूली पर चढ़ गईं। इस तरह के मामले आजकल कैथल में फिर से ये मामले सामने आने लगे हैं। इस बीच एक सप्ताह के अंदर यह दूसरा मामला है, जहां पिता ने अपनी शान की खातिर बेटी का कत्ल कर दिया।
गांव हजवाना में अंतरजातीय प्रेम संबंधों से खफा पिता ने 14 साल की बेटी का गला दबाकर मार डाला। हत्या को इतने शातिराना ढंग से अंजाम दिया कि किसी को भनक तक नहीं लगी। 6 दिन तक परिवार व गांव के लोग यही समझते रही कि युवती ने फंदा लगाकर जान दी है, लेकिन शुक्रवार को थाना के सुरक्षा एजेंट को ऑनर किलिंग की सूचना मिली तो पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया। क्योंकि जिले में एक सप्ताह में ऑनर किलिंग का यह दूसरा मामला है। इससे पहले बीते सप्ताह गांव बालू में माता-पिता ने बेटी की चुन्नी से गला दबाकर हत्या कर दी थी। ऑनर किलिंग को लेकर वर्ष 2007 में कैथल का नाम देशभर में बदनाम हुआ था। उस समय गांव करोड़ा के मनोज-बबली को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद भी जिले में समय-समय पर ऑनर किलिंग के कई-कई सामने आए। अक्टूबर 2017 में जिले के गांव कोयल निवासी बलिंद्र की उसके सालों ने जवाहर पार्क कैथल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। बलिंद्र ने जिला जींद के गांव डंडौली निवासी युवती से प्रेम विवाह किया था। जिससे परिजन खफा थे।
गांव हजवाना में पिता ने 14 वर्षीय बेटी को रात के समय गला दबाकर हत्या कर दी। इसके शव को खुद-बुद्ध करने के लिए रात के 11:00 बजे गांव के ही श्मशान घाट में युवती के शव को जला दिया। बताते चलें कि नाबालिग के अपने ही पड़ोस में रहने वाले अनुसूचित जाति के युवक से प्रेम संबंध थे। 12 अगस्त को युवक व युवती घर से चले गए थे। पुलिस ने अगले ही दिन दिल्ली से दोनों को काबू कर लिया था। युवक को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जबकि युवती अपने मामा के घर चली गई थी। 10 दिन पहले ही वह घर लौटी थी। पिता ने 16 सितंबर की रात बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसी दिन रात को 11 बजे अपने भाईयों के साथ मिलकर दाह संस्कार कर दिया। ग्रामीणों को बोल दिया कि बेटी ने रात को आत्महत्या कर ली थी। पूंडरी थाना के सिक्योरिटी एजेंट को गुप्त सूचना मिली तो हत्या करने, शव खुर्द बुर्द करने का केस दर्ज किया गया।
बीते शुक्रवार को पुलिस ने गांव बालू निवासी दंपती पर ऑनर किलिंग का केस दर्ज किया था। आरोप था कि बालू की 18 वर्षीय युवती कुछ समय से जिला हिसार के गांव खेड़ी चोपटा निवासी रोहित के संग प्रेम प्रसंग चल रहा था। 14 सितंबर को माफी ने फोन करके रोहित को अपने गांव बुला लिया। दोनों गुप चुप तरीके से घर से जाना चाहते थे। इसकी भनक परिवार को लग गई। परिवार ने माफी को काबू करके चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। जिसका सात-आठ लोगों की मौजूदगी में दाह संस्कार भी कर दिया गया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया था। जिनको न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।
गांव बड़सीकरी में कलां में प्रेम संबंधों के चलते 15 साल की बेटी को मौत के घाट उतार दिया गया था। 6 अगस्त 2020 को कंट्रोल रूम में पुलिस को सूचना मिली कि बड़सीकरी कलां में परिवार ने बेटी की हत्या कर दी है, कुछ देर में दाह संस्कार के लिए लेकर जाने वाले हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो श्मशान घाट में चिता जल रही थी। जिसके पास कोई ग्रामीण नहीं था। पुलिस ने पानी डालकर आग बुझाई और युवती के अधजले शव को बाहर निकाला। जिसके बाद पुलिस ने मृतका की मां व भाई सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लड़की के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।
इससे पहले 2007 में कैथल के गांव करोड़ा के रहने वाले मनोज-बबली ने घर से भागकर शादी कर ली थी। इस जोड़े को परिजनों से जान से मारने की धमकी मिलने पर हाईकोर्ट से सुरक्षा की मिल गई थी, लेकिन उसके बाद भी 15 जून 2007 को बुटाना के समीप मनोज-बबली का अपहरण कर लिया गया और करीब 10 दिन बाद दोनों के शव नारनौंद के समीप नहर में मिले थे। पुलिस ने मनोज-बबली हत्याकांड में जब गहनता से छानबीन की तो खुलासा हुआ कि बबली के परिजनों ने ही गोत्र विवाद के चलते दोनों का अपहरण कर उन्हें मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद 2010 में करनाल कोर्ट ने 5 परिजनों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए किए थे।
जानकारी देते हुए पुंडरी डीएसपी ललित कुमार ने बताया कि हजवाना गांव में एक पिता द्वारा बेटी के अंतरजातीय प्रेम प्रसंग के कारण हत्या करने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर उन्होंने सुरक्षा एजेंट की शिकायत पर मृतका के परिजनों पर हत्या का केस दर्ज किया है। जिसमें अभी तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनको आज न्यायालय में पेश कर आगामी पूछताछ के लिए रिमांड लिया जाएगा। घटना के बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी ललित कुमार ने बताया कि अंतर जातीय लड़के से मित्रता पूर्वक संबंध के कारण समाज में अपनी लज्जा के कारण नाबालिक की रात के समय गला घोटकर हत्या कर दी। इस बात का किसी को पता नहीं चला। उसी रात 11:00 बजे गांव के श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। फिलहाल इस घटना को लेकर पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। जितने भी आरोपियों की इसमें संलिप्तता पाई जाएगी, उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। डीएसपी ने कहा कि समाज में अपनी इज्जत के कारण बेटी की हत्या करना बहुत ही घिनौना कार्य है। युवा उम्र में अगर कोई बेटा बेटी गलत कदम उठाते हैं तो उसमें कहीं ना कहीं परिवारजनों की चूक होती है। क्योंकि यदि शुरू से बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाएं और उनकी समय-समय पर मॉनिटरिंग की जाए तो भविष्य में इस तरह की घटना देखने को नहीं मिलेगी।
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