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पांच दिनों तक मां के शव के पास बैठी रही बेटी, बदबू फैलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को किया फोन

Nilmani Pal
8 Aug 2023 2:24 AM GMT
पांच दिनों तक मां के शव के पास बैठी रही बेटी, बदबू फैलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को किया फोन
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जलपाईगुड़ी: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ीमें बेटी अपनी मां की लाश के साथ पांच दिनों तक बैठी रही. जब बदबू फैली तो लोग जान पाए और पुलिस को जानकारी दी गई, तो मृत मां के शव को हटाया गया. यह सनसनीखेज घटना रविवार को जलपाईगुड़ी शहर के कॉलेजपाड़ा इलाके में घटी. मृत महिला का नाम अंजलि कर्मकार है. आरोप है कि उनकी बेटी अनिंदिता कर्मकार ने अपनी मां के शव को कई दिनों तक घर में रखा था.
बताया जा रहा है कि बेटी अनिंदिता मासनिक रूप से बीमार हैं. वह अपनी मां के शव के पास बैठी थी. बदबू फैलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को फोन किया और पुलिस आने पर लाश को बरामद की.
बता दें कि एक साल पहले भी इस घर में इसी तरह की घटना घटी थी. पति की मौत के बाद पत्नी और बेटी शव का इंतजार कर रही थीं. एक ही परिवार में एक तरह की घटना की पुनरावृत्ति हुई है.
पिता के शव के पास भी बैठी रही थी मां और बेटी
पिछले साल 19 अगस्त को सेवानिवृत्त कर्मचारी अजीत कर्मकार का शव जलपाईगुड़ी के कॉलेज पड़ोस में उनके घर से बरामद किया गया था. अजीत कर्मकार अपनी पत्नी और मानसिक रूप से बीमार बेटी के साथ रहते थे. उस लिहाज से रिश्तेदारों और पड़ोसियों से कोई संपर्क नहीं था.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार अजीत कर्मकार एक सरकारी कार्यालय में ड्राइवर थे. सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद उनका विभिन्न बीमारियों का इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
एक तरह की घटना दोहराने से पड़ोसी हैरान
संदिग्ध गंध के चलते करीब सात दिन बाद पुलिस ने उनका शव बरामद किया था. एक साल बाद फिर उसी तरह की घटना घटी. रविवार को पड़ोसियों को दुर्गंध आने पर संदेह हुआ. पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर जाकर बाथरूम के अंदर से अंजलि कर्मकार का क्षत-विक्षत शव बरामद किया.
जलपाईगुड़ी कोतवाली थाने की पुलिस ने आज दोपहर में अंजलि कर्मकार का क्षत-विक्षत शव बरामद किया. इस घटना से स्थानीय लोग हैरान हैं. मालूम हो कि मृतक की बेटी अनिंदिता लंबे समय से मानसिक रूप से बीमार है. साथ ही शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
लेकिन इसके साथ ही प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठा है. जब प्रशासन को यह मालूम था कि बेटी और मां मानसिक रूप से बीमार हैं, तो उनकी देखभाल का इंतजाम क्यों नहीं किया गया. स्थानीय लोगों इसे लेकर प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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