खंडवा के चर्चित सादिया हत्याकांड में खंडवा की अदालत ने आज अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने इस केस में हत्या (Murder) का दोषी पाते हुए सादिया के पति, सास-ससुर, ननद और जेठ को आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा सुनायी है. बेटे की चाहत में ससुराल वालों ने सादिया को पीट-पीटकर मार डाला था. इस जघन्य हत्याकांड का चश्मदीद सादिया का ढाई साल का बेटा था जिसने अपने पिता और घरवालों के खिलाफ गवाही दी थी.
खंडवा के इस दिल दहला देने वाले सादिया हत्याकांड में उसके पति सहित ससुराल के सभी 5 लोगों को खंडवा न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई. बेटे की चाह में खंडवा के सोलह खोली की रहने वाली सादिया के साथ उसके ससुराल पक्ष के लोग आए दिन मारपीट करते थे. एक दिन उसे इतना मारा कि 25 अप्रैल 2018 को सादिया की मौत हो गई. उसके बाद सादिया की लाश को बाथरूम में ले जाकर जला दिया.
अपनी मां पर हुए इस जुल्म को ढाई साल के मासूम ने देखा था. सादिया की मौत के बाद ससुराल वालों ने उसके मायके वालों को आत्महत्या की सूचना दी थी. मायके वालों ने खंडवा पहुंचकर पुलिस को बताया कि उनकी बेटी को ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा था. उसके बाद पुलिस ने ससुरालवालों पर दहेज प्रताड़ना और हत्या की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था.
तब से लेकर लगातार इस मामले में कोर्ट में पेशी होती रही. मृतक सादिया के ढाई साल के बेटे की गवाही इस केस में सबसे अहम रही. मासूम की हौसला अफजाई के लिए पुलिस ने उसे पुलिस की वर्दी पहना कर कोर्ट में पेश किया. जहां उसने जज के सामने अपने पिता की करतूतों के पन्ने खोले थे. मासूम ने बताया था किस तरह से उसकी मां को मार दिया गया. बच्चे की इस गवाही ने पूरे ससुराल पक्ष को सजा दिलवाने में अहम रोल निभाया.