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झूमा परिवार: 40 साल बाद घर में पैदा हुई बेटी, हीरा व्यापारी ने यूं मनाई खुशी

Kajal Dubey
15 April 2022 2:29 AM GMT
झूमा परिवार: 40 साल बाद घर में पैदा हुई बेटी, हीरा व्यापारी ने यूं मनाई खुशी
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सूरत: गुजरात के सूरत शहर में एक हीरा व्यापारी ने बेटी के जन्म की खुशी भव्य और अनोखे अंदाज में मनाकर समाज को एक अच्छा संदेश दिया. उद्योगपति परिवार ने घर में जन्मी नवजात बेटी को गुलाबी रंग की बस में बैठाकर शहर भ्रमण करवाया. परिवार की मानें तो उनके 40 साल के बाद पहली बार उनके घर में कन्या ने जन्म लिया है.

शहर के जाने-माने हीरा व्यापारी और समाजसेवी गोविंद ढोलकिया के बेटों में से एक श्रेयांस ढोलकिया की संतानों में दो बेटे पहले से थे, लेकिन घर में बेटी के जन्म लेने का इंतज़ार बेसब्री से था. आख़िर वो घड़ी आ ही गई और श्रेयांस की पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म से गदगद परिवार ने मिलकर एक आयोजन किया, जिसके तहत सफेद रंग की अपनी बस को गुलाबी रंग करवा दिया और फिर परिवार बेटी को लेकर बस में बैठा और शहर भ्रमण के लिए निकल पड़ा था.
सूरत शहर की सड़कों पर घूम रही इस गुलाबी बस पर अंग्रेज़ी में it's a girl भी लिखा और प्रतीकात्मक बेटी का चित्र भी बनाया था. सूरत शहर के कई इलाकों की सड़कों पर घूम रही इस बस में बेटी को भ्रमण करवाकर अनोखे अंदाज में उसका स्वागत किया गया.
नवजात के पिता श्रेयांस ढोलकिया ने बताया, परिवार ने अपनी इस खुशी को लोगों तक पहुंचाने, बेटी के जन्म का जश्न मनाने के साथ-साथ 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए निजी वैनिटी वैन को एक ही दिन में सफेद से गुलाबी रंग में बदल दिया और लग्जरी बस को सूरत की सड़कों पर घुमाया गया.
उद्योगपति परिवार ने कहा कि आज चार दशक बाद उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ है, जिसकी खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. आज के समाज में बेटी के पालन-पोषण की बात तो बहुत होती है, लेकिन बेटी के जन्म से लोग निराश भी हो रहे हैं. इसीलिए उन्होंने इस अनोखे संदेश के जरिए लोगों में जागरूकता पैदा करने और बेटी के जन्म को भी प्रोत्साहित करने का प्रयास किया.
बता दें कि सूरत के हीरा उद्योगपति गोविंद ढोलकिया साल 2008 से ऐसे परिवारों के लिए भाग्य लक्ष्मी योजना चलाते हैं, जहां चार से अधिक बेटियां हैं. ऐसे 25 परिवारों को अब तक ढोलकिया परिवार की तरफ से हर साल 11000 रुपये की वार्षिक आर्थिक सहायता दी जा रही है. 1992 से यह परिवार बेटियों की शिक्षा के लिए स्कूल चलाता है, जिसमें अब तक 6240 बेटियां निशुल्क शिक्षा हासिल कर चुकी हैं. यही नहीं, गोविंद ढोलकिया 500 से अधिक बेटियों के सामूहिक विवाह करवा चुके हैं.
हीरा उद्योगपति गोविंद ढोलकिया समाज सेवा के अलावा धार्मिक कार्यों में भी लगे रहते हैं. अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए उन्होंने 11 करोड़ रुपये दान किए थे और फ़िलहाल दक्षिण गुजरात के आदिवासी ज़िले डांग में 311 हनुमान जी के मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं. इसके अलावा वह अनेक सामाजिक और धार्मिक कार्यों में जुड़े रहते हैं और जब 40 वर्ष बाद उनके घर में कन्या का जन्म हुआ तो उसकी ख़ुशी अलग अंदाज में दिखाई.
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