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8वीं रैंक टॉपर बनी बेटी, सड़क किनारे कपड़ा बेचते है पिता, जाने पूरी कहानी...

jantaserishta.com
21 July 2021 7:57 AM GMT
8वीं रैंक टॉपर बनी बेटी, सड़क किनारे कपड़ा बेचते है पिता, जाने पूरी कहानी...
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पिता का सिर गर्व से ऊपर कर दिया है.

वेस्ट बंगाल में एक हॉकर की बेटी ने 10वीं की परीक्षा में आठवीं रैंक में टॉप करके अपने पिता का सिर गर्व से ऊपर कर दिया है. इस बेटी को पढ़ाने के लिए प‍िता ने कोई कसर बाकी नहीं रखी तो वहीं बेटी ने भी अपनी पढ़ाई को गंभीरता से लिया और इस साल की माध्यमिक परीक्षा में टॉप करके नाम रोशन कर दिया है. जानें- इस टॉपर की सफलता की पूरी कहानी...

सब्या हुसैन के पिता हॉकर हैं और वो पूरे राज्य की माध्यमिक परीक्षा में 8 वीं रैंक में टॉपर आई हैं. वह अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली सब्या ने कुर्सेओंग शहर सेंट जोसेफ गर्ल हायर सेकेंडरी स्कूल से अभी तक पढ़ाई की है. उन्हें परीक्षा में कुल 690 अंक मिले हैं. भौतिक विज्ञान में उन्हें 100 में सौ और कुल 98.50 % अंक प्राप्त हुए.
कहा जा रहा है कि हिस्ट्री ऑफ हिल्स यानी इस इलाके के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि राज्य बोर्ड परीक्षा में एक लड़की 10वीं में टॉपर बनी है. राज्य के सीएम ने भी उन्हें पत्र भेजा और उनकी सफलता के लिए बधाई दी और उन्होंने यह भी लिखा कि वह उनके साथ हैं. उनके परिवार ने इसके लिए सीएम ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया है.
क्षेत्र के लोग भी सब्या के घर आए और उनकी सफलता का जश्न मनाया और इस सफलता के लिए उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी. सब्या हुसैन ने बातचीत में कहा कि मैं बहुत खुश हूं और मैंने सोचा है कि मैं अब IAS की तैयारी करूंगी और सिविल सर्वेंट बनकर अपने देश की सेवा करूंगी. उन्होंने कहा कि क्योंकि मेरा परिवार फेरीवाला है और सड़क किनारे कपड़ा बेच रहा है.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पिता ने कहा कि आज गर्व की अनुभूति हो रही है कि मेरी बेटी ने पूरे राज्य में यह मुकाम हासिल किया है. मैं सड़क किनारे कपड़ा बेचने वाला फेरीवाला हूं, वह अच्छी बेटी और मेहनती छात्रा थी. मुझे लगता है कि आज उन्हें हमारे स्थान दार्जिलिंग और बंगाल पर गर्व है.
स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि यह कर्सियांग और दार्जिलिंग के लिए गर्व का दिन है और कर्सियांग के लिए यह पहली बार है कि कर्सियांग के लिए किसी छात्र ने पूरे राज्य में 8 वीं रैंक हासिल की है, और उसका परिवार हॉकर है जो हमारे लिए बहुत गर्व का विषय है.
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