दिल्ली महिला आयोग ने सोमवार देर रात पश्चिम विहार इलाके से एक महिला को रेस्क्यू करवाया है. रेस्क्यू कराई गई महिला शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे और चार बार के विधायक राजकुमार चौहान की बेटी है. महिला ने एक पत्र के जरिए अपनी शिकायत दिल्ली सरकार को दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें उनके पिता द्वारा मायके में बंधी बनाकर रखा जाता है और बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है. महिला ने गुहार लगाई कि उसे वहां से छुड़वाया जाए. मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग ने एक टीम गठित की और दिए गए पते पर दिल्ली पुलिस के साथ पहुंची.
महिला के मुताबिक उसकी शादी 1999 में हुई थी और उसकी 2 बेटियां भी हैं. महिला ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से आपसी मतभेद के चलते वो अपने मायके में रह रही थी और उसके पिता ने उसे घर में तबसे ही बंदी बनाकर रखा हुआ था. महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पिता राजकुमार चौहान उसके साथ मारपीट करते थे. भाई द्वारा भी मारा-पीटा जाता था. महिला की छोटी बेटी ने भी मारपीट की बात की पुष्टि की है. बच्ची ने बताया कि आज से 2 साल पहले मां के साथ बुरी तरह मारपीट हुई थी, जिसकी वजह से उनके सिर से खून भी निकला था. महिला के मुताबिक चंडीगढ़ में उसका तलाक का केस भी चल रहा है, लेकिन परिवारवाले केस खत्म नहीं होने देना चाहते.
महिला ने कहा कि उसके पति ने दूसरी शादी भी कर ली है. महिला का आरोप है कि उसने दूसरी शादी कर नया जीवन शुरू करना चाहा, लेकिन पिता और भाई ने छवि खराब होने के डर से ऐसा करने नहीं दिया. आयोग और पुलिस की टीम द्वारा महिला और उसकी बेटी को पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उनकी काउंसलिंग की गई. महिला ने लिखित में दिया कि वो अपने पिता के साथ नहीं रहना चाहती और उनके खिलाफ कार्रवाई चाहती है. कानूनी प्रक्रिया के बाद महिला को शेल्टर होम में सुरक्षित पहुंचाया गया है. वहीं, पुलिस ने मामले में FIR नहीं दर्ज की, जिस पर दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया है. नोटिस में आयोग ने पूछा है कि क्यों मामले में FIR नहीं दर्ज की गई, साथ ही आयोग ने आरोपी के रसूख को देखते हुए महिला और उसके बच्चों की सुरक्षा इंतजाम की भी जानकारी पुलिस से मांगी है.