तेलंगाना। रमज़ान को लेकर खजूर की मांग में इज़ाफा दर्ज किया गया। तस्वीरें हैदराबाद के खजूर की दुकानों से है। एक खजूर विक्रेता ने कहा, "मैं 22 साल से खजूर का कारोबार कर रहा हूं। हम अजवा खजूर सहित कई प्रकार के खजूर बेचते हैं। हमारे पास 120 रुपए प्रति किलोग्राम से लेकर 2600 रुपए प्रति किलोग्राम तक के खजूर है। इराक, ईरान, यमन, सऊदी अरब, ओमान, अल्जीरिया और कई अन्य देशों से खजूर का आयात किया जाता है।"
तेलंगाना: रमज़ान को लेकर खजूर की मांग में इज़ाफा दर्ज किया गया। तस्वीरें हैदराबाद के खजूर की दुकानों से है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2023
एक खजूर विक्रेता ने कहा, "मैं 22 साल से खजूर का कारोबार कर रहा हूं। हम अजवा खजूर सहित कई प्रकार के खजूर बेचते हैं। हमारे पास 120 रुपए प्रति किलोग्राम से लेकर 2600 रुपए… pic.twitter.com/gDuiUt9GEU
तरावीह क्या घर पर पढ़ सकते हैं?
तरावीह की नमाज को घर पर भी पढ़ा जा सकता है. लेकिन मस्जिद और घर पर पढ़े जाने वाले तरावीह की नमाज में थोड़ा अंतर होता है. महिलाएं मस्जिद नहीं जाती ऐसे में वो घर पर ही तरावीह की नमाज पढ़ती हैं. वहीं कुछ लोग मस्जिद जाने में समर्थ नहीं होते या मस्जिद घर से दूर हो तो ऐसे में भी घर पर तरावीह की नमाज पढ़ी जा सकती है. तरावीह की नमाज रात के समय पढ़ी जाती है और इसमें डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है.
रोजा रखने वाली दुआ
रोजा रखने की अपनी एक प्रक्रिया होती है. रोज़ा रखने के लिए फज्र की नमाज़ (Ramadan 2023 से पहले सेहरी खाई जाती है. सेहरी खाने के बाद कुछ भी खाने की इजाजत नहीं होती है. इसके अलावा, आप पूरे दिन भी कुछ नहीं खा सकते हैं. कुछ भी खाने या पीने से आपका रोजा टूट जाता है. अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अनुसार, किसी भी रोजेदार को सहरी खाने के बाद यानि फज्र की अज़ान से पहले एक दुआ जरुर पढ़नी चाहिए. ‘व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमज़ान’ इस दुआ (Ramadan Roza Ki Duayen) का मतलब है कि मैं रमजान के इस रोज़े की नियत करता/ करती हूं.