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फाइल फोटो
सकारात्मक सोच और बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति के आगे कोरोना पस्त
छिंदवाड़ा: कोरोना घातक बीमारी है और जानलेवा भी, मगर यह भी सही है कि सकारात्मक सोच और बीमारी से लड़ने की इच्छाशक्ति के आगे कोरोना हार रहा है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी ऐसा ही कुछ हुआ जब एक गंभीर बीमार महिला ने अपने बाजू के बिस्तर में कोरोना के कारण दम तोड़ चुके व्यक्ति के मास्क से ऑक्सीजन ली और वह कोरोना से जंग जीतने में सफल रही.
वाक्या छिंदवाड़ा का है, यहां के हर्रई में महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ सुपरवाईजर आशा भारती को बुखार आया, तबियत बिगड़ी मगर अस्पताल में बेड खाली न होने पर वो घर चली गई, बाद में स्थिति बिगड़ी तो वो जिला अस्पताल आई, बेड मिला मगर ऑक्सीजन सुलभ नहीं थी.
आशा भारती ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि वे अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं थी, मगर कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जाफर के परामर्श पर अस्पताल गई. अस्पताल में ऑक्सीजन की जरुरत महसूस हुई. इस दौरान उनके बाजू के बिस्तर में भर्ती एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. जब उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी संकट में पड़ सकती है तो उन्होंने मृत व्यक्ति के चेहरे से मास्क हटाया, उसको सैनिटाइज किया और अपने चेहरे पर मास्क लगा लिया, ऑक्सीजन मिलने के बाद उन्हें राहत मिली.
आशा का कहना है कि अब वे स्वस्थ्य है और अस्पताल से उनकी छुट्टी होने वाली है. वे कहती हैं कि उन्हें बीमारी के दौरान लोगों ने प्रोत्साहित किया, बीमारी से लड़ने की ताकत दी, कांग्रेस नेता सैयद जाफर, चिकित्सक डॉ. घनश्याम दुबे, परियोजना अधिकारी पूरे समय यही कहते रहे कि जल्दी ठीक हो जाओगी. उसी का नतीजा रहा है कि वे कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में सफल हुई है.
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