उज्जैन। कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए जहां एक तरफ शासन-प्रशासन और आम लोग अपनी ओर से कोशिश कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इसके लिए पूजा-अर्चना और कठिन तपस्या का दौर भी चल रहा है. इसी कड़ी में उज्जैन जिले के उन्हेल निवासी पंडित ईश्वर मेहता ने 30 किलोमीटर की दंडवत यात्रा शुरू कर दी है. उनकी यह यात्रा लगातार 15 दिन तक चलेगी. उनका कहना है कि महाकाल की दंडुत यात्रा पहली बार की जा रही है.
क्यों कर रहे हैं दंडवत यात्रा
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिस तरह से ओमिक्रोन के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे लोग भयभीत हैं. तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार नई गाइडलाइन जारी कर रही है. इन आशंकाओं के बीच उन्हेल के रहने वाले पंडित ईश्वर मेहता ने भगवान महाकाल से अर्जी लगाते हुए दंडवत यात्रा शुरू कर दी है. यह दंडवत यात्रा 15 दिनों में उज्जैन पहुंचेगी. पंडित ईश्वर मेहता उज्जैन में कर्मकांड कराते हैं. जब उन्होंने तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच लोगों को भयभीत देखा तो यह प्रण कर लिया कि भगवान महाकाल की तपस्या कर तीसरी लहर रोकने की प्रार्थना की जाएगी. पंडित ईश्वर मेहता ने बताया कि गिरिराज जी और अन्य तीर्थ स्थलों पर दंडवत यात्रा होती है. लेकिन भगवान महाकाल की दंडवत यात्रा पहली बार की जा रही है. उन्होंने बताया कि 15 दिन तक लगातार सड़क पर दंडवत करते हुए भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि इस यात्रा का एक मात्र यही उद्देश्य है. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान महाकाल से यही प्रार्थना की जाएगी कि कोरोना की तीसरी लहर से किसी की भी जान न जाए.
जिस प्रकार भगवान को दंडवत प्रणाम किया जाता है, उसी प्रकार दंडवत करते हुए आगे बढ़ना ही दंडवत यात्रा कहलाती है. यह यात्रा काफी कठिन होती है. इस यात्रा में बार-बार खड़े होना और फिर दंडवत प्रणाम करते हुए आगे बढ़ना होता है. इस प्रकार की यात्राएं आमतौर पर वही लोग करते हैं, जो मन्नत मांगते हैं.