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बेमौसम बारिश से फसलों को हुआ नुकसान

Bhumika Sahu
16 Jan 2022 4:17 AM GMT
बेमौसम बारिश से फसलों को हुआ नुकसान
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Crop Damage Due To Rain: देश के छह प्रमुख उत्पादक राज्यों में ठंड के मौसम में हुई बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. हालाकि रबी फसल को इससे अधिक नुकसान नहीं हुआ है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. कृषि मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक रबी फसल की बुवाई की स्थिति काफी अच्छी है और संतोषजनक रूप से आगे बढ़ रहा है, इसके अलावा हाल ही में प्रमुख उत्पादक राज्यों में ठंड के मौसम में जो बारिश हुई है, उससे रबी की फसल खास कर गेहूं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है, लेकिन इस मौसम में हुई अत्यधिक बारिश के कारण कुछ राज्यों में कुछ फसलों को नुकसान (Crop Loss) भी पहुंचा है. झारखंड में तीन दिन पहले हुई ओलावृष्टि के कारण सब्जियां खास कर मटर, फूलगोभी और टमाटर को काफी नुकसान पहुंचा है.

आंकड़ों के अनुसार बारिश के कारण मध्य प्रदेश में 48,871 हेक्टेयर , राजस्थान में 69,375 हेक्टेयर , उत्तर प्रदेश में 1,11,700 हेक्टेयर , हरियाणा में 97,676 हेक्टेयर , महाराष्ट्र में 5,276 हेक्टेयर,और त्रिपुरा में 13,542 हेक्टेयर में रबी की फसल प्रभावित हुई है. हाल ही आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी गई है. रबी फसल के बुवाई के आंकड़ों की बात करें तो शुक्रवार तक 664.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल की बुवाई की जा चुकी है.जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 656.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई थी. इसके मुताबिक इस साल अब तक 8.15 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है.
गेहूं के बुवाई क्षेत्र में आई है कमी
आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की बुवाई पिछले साल के 340.74 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 336.48 लाख हेक्टेयर है, जबकि चावल की बुवाई पिछले साल के 24.33 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 19.82 लाख हेक्टेयर से अधिक है. दलहन का रकबा पिछले साल के 160.13 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 160.20 लाख हेक्टेयर और पिछले साल के 48.91 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 47.82 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुवाई की गई है.
तिलहन के बुवाई क्षेत्र में हुई है वृद्धि
हालांकि, तिलहन के तहत रिपोर्ट किया गया क्षेत्र कवरेज पिछले वर्ष के 82.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 100.27 लाख हेक्टेयर है, इससे यह पता चलता है कि इस साल तिलहन की बुवाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. तिलहन में, मुख्य रूप से पिछले वर्ष की इसी अवधि के 72.93 लाख हेक्टेयर की तुलना में रेपसीड और सरसों के तहत 90.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
जलाशयों में उपलब्ध है पर्याप्त जल
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 13 जनवरी की स्थिति के अनुसार, देश के 137 जलाशयों में उपलब्ध जल संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 101 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत का 122 प्रतिशत है. ऐसा पूरे देश में व्यापक बारिश के कारण हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और कुछ उत्तर-पूर्वी राज्य जैसे अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नागालैंड में इस अवधि के दौरान वर्षा हुई.
जारी है रबी फसल की बुवाई
एक अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर राज्यों को अभी भी इस महीने के भीतर दालों के लक्षित क्षेत्र को हासिल करने की उम्मीद है, जबकि रबी चावल की बुवाई/रोपाई जनवरी के अंत से फरवरी के पहले सप्ताह तक दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में की जाएगी. इसके अलावा, गेहूं के लिए बुवाई का समय जनवरी के पहले पखवाड़े तक है, जो जारी है. अधिकारी ने आगे कहा कि रबी फसलों के तहत क्षेत्र के कवरेज को जनवरी 2022 के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा.


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