भारत
शीतकालीन सत्र में विरोध के बीच राज्यसभा में पास हुआ डैम सेफ्टी बिल, बूस्टर डोज पर विपक्ष ने पूछे सवाल
Renuka Sahu
3 Dec 2021 4:43 AM GMT
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फाइल फोटो
विपक्षी दलों के विरोध के बीच गुरुवार को राज्यसभा ने बांधों की सुरक्षा से जुड़ा विधेयक पास कर दिया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विपक्षी दलों के विरोध के बीच गुरुवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) ने बांधों की सुरक्षा से जुड़ा विधेयक (Dam Safety Bill) पास कर दिया. कई विपक्षी दल सरकार के इस कदम को संघवाद पर हमला बता रहे हैं. साथ ही उन्होंने इस बिल को चयन समिति के पास जांच के लिए भेजने की मांग उठाई है. इस बिल में आपदा से बचने के लिए बांधों की नियमित जांच, निगरानी, रख रखाव और संचालन की बात कही गई है. लोकसभा (Loksabha) की तरफ से विधेयक को साल 2019 में पास कर दिया गया था.
कई सांसदों का कहना था कि केंद्र सरकार राज्यों की ताकत कम करना चाहती है. बिल पर चर्चा के दौरान 22 सांसद मौजूद थे. विपक्षी दलों के सांसदों की चिंताओं पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार ने मिलकर काम करने वाले संघवाद के सिद्धांतों का पालन किया है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, सीपीआई (एम) और आरजेडी ने सरकार पर राज्य सरकारों की ताकत हथियाने के आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि बांध राज्य का मुद्दा है औऱ केंद्र, राज्यों के लिए नियम नहीं बना सकता.
बूस्टर डोज पर पूछा सवाल
गुरुवार को टीएमसी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सरकार से पीएम-केयर्स फंड के पैसे के उपयोग के अलावा कोविड-19 के लिए बूस्टर डोज पर सवाल किया. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने महामारी से निपटने में लापरवाही के आऱोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर की 'गलतियों' के कारण देश कोविड-19 की दोनों लहरों में 'बगैर तैयारी' के फंस गया. उन्होंने कहा, 'आज तक भी, मुझे नहीं पता कि दुनियाभर में खोजे गए अन्य टीकों का क्या हुआ. क्या ये वैक्सीन भारत आ चुकी हैं और क्या इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.'
निलंबित सांसदों का धरना जारी
गुरुवार को राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों का धरना प्रदर्शन जारी रहा. इन सांसदों को मानसून सत्र के अंतिम दिन हंगामा करने के चलते सस्पेंड किया गया था. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू को मानसून सत्र के दौरान हुई हिंसा के संबंध में पत्र लिखा था. निलंबित हुए सांसदों में 6 कांग्रेस, 2 टीएमसी, 2 शिवसेना और 1-1 सीपीएम और सीपीआई के हैं.
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