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मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां
सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में मंगलवार शाम को एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां राई औद्यौगिक क्षेत्र की एक रबड़ फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इससे फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला, और वे उसी में फंसे रह गए। इस बीच सिलेंडर भी ब्लास्ट हुए, जिससे पूरा इलाका दहल गया। फैक्ट्री में फंसे करीब 40 कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन वे बुरी तरह से झुलस चुके थे। 16 कर्मियों को सिविल अस्पताल में लाया गया। यहां उनकी हालत गंभीर है। वहीं, कुछ कर्मियों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर हैं और आग पर काबू पाने में लगी हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राई औद्यौगिक क्षेत्र में शाम करीब 4 बजे के रबड़ की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में लंच के बाद कर्मचारी काम कर रहे थे। रबड़ भरे होने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि वहां काम कर रहे दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारी बाहर ही नहीं निकल पाए। इस बीच फैक्ट्री में रखे सिलेंडरों में भी ब्लास्ट होना शुरू हो गए। इससे पूरा क्षेत्र दहल उठा। धमाकों की आवाज सुनकर आसपास की फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अंदर फंसे लोगों को निकालने में मदद की।
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। काफी मशक्कत के बाद अंदर फंसे कर्मियों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इसमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दौरान कुछ लोगों ने आग की परवाह न करते हुए कर्मियों की जान बचाई। बचाव कार्य में लगे फैक्ट्री के अकाउंटेंट के हाथ भी जल गए। DC सोनीपत डॉ. मनोज कुमार ने बताया है कि फैक्टरी में आग लगने के बाद काफी कर्मचारी झुलसे हैं। उनमें से कुछ को सिविल अस्पताल लाया गया। वहीं, कुछ कर्मचारियों को अलग-अलग निजी अस्पतालों के अलावा PGI और थानपुर भेजा गया है। साथ ही मामले की जांच जारी है।
DC का कहना है फैक्ट्रियों में बॉयलर फटने के मामले भी सामने आ रहे हैं। हम इस बार सभी तय करेंगे की सभी फैक्ट्रियों में जांच की जाए कि जहां भी बॉयलर लगे हैं, वहां तय मानकों का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। इसके लिए हम एक टीम गठित करेंगे, जो इसकी जांच करेगी। वहीं, CMO डॉ. जय किशोर ने बताया है कि हादसे के बाद सिविल अस्पताल में करीब 16 लाए गए थे। उनका उपचार हमारे यहां किया जा रहा है। वहीं, जिन लोगों की हालत ज्यादा खराब थी, उन्हें हायर इंस्टीट्यूशन में रेफर कर दिया है। CMO का कहना है कि मरीजों के आते ही हमने अपने सभी डॉक्टर्स को अस्पताल में बुला लिया था, जिससे घायलों की अच्छे से देखभाल हो सके। करीब 6 मरीज निजी अस्पताल में ले जाए गए थे, लेकिन उन्होंने मरीजों को सिविल अस्पताल में ही वापस भेज दिया। उनका भी इलाज भली-भांति किया जा रहा है।
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