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सीवोटर स्वच्छता सर्वे: यौन उत्पीड़न में 60 फीसदी की कमी दर्ज

jantaserishta.com
6 Jun 2023 8:30 AM GMT
सीवोटर स्वच्छता सर्वे: यौन उत्पीड़न में 60 फीसदी की कमी दर्ज
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत में शौचालय की उपलब्धता के चलते महिलाओं के यौन उत्पीड़न में उल्लेखनीय कमी आई है। अप्रैल के अंत में देश भर में सीवोटर फाउंडेशन द्वारा किए गए एक विशेष सर्वे के दौरान अधिकांश उत्तरदाताओं की यही राय थी। 60 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने प्रश्न के सकारात्मक उत्तर दिए: क्या आपके क्षेत्र में शौचालय बनने के बाद महिलाओं पर यौन हमलों की घटनाओं में कमी आई है?
हर पांच में से तीन भारतीय इससे सहमत हैं, वहीं हर पांच में से एक को लगता है कि महिलाओं पर होने वाले यौन हमलों में कोई कमी नहीं आई है। 2014 में स्वच्छ भारत कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले, युवा लड़कियों और महिलाओं को सुबह के समय खुले में शौच करने के लिए या सूर्यास्त के बाद अंधेरे में जाने पर छेड़छाड़ और बलात्कार का शिकार होना पड़ता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के मिशन की शुरूआत करते हुए इस पहलू पर जोर दिया था। विशेषकर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए यह एक गंभीर समस्या थी। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता और विफलताओं का पता लगाने के लिए भारत भर में सीवोटर फाउंडेशन द्वारा विशेष सर्वे किया गया। सर्वे को अधिक वास्तविक बनाने के लिए उत्तरदाताओं को निम्न आय वर्ग से चुना गया, जिनकी आय 3000 रुपये प्रति माह से कम थी।
धारणा यह है कि बहुत गरीब लोग ही खुले में सबसे ज्यादा शौच करते हैं। 2021 के लिए एनएचएफएस-5 सीरीज के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि दो सबसे गरीब राज्य बिहार और झारखंड हैं जहां खुले में शौच की दर सबसे ज्यादा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इन दोनों राज्यों में शौच के लिए खेतों में जाने वाली महिलाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। सीवोटर फाउंडेशन इस सर्वे के शुरूआती दायरे को एक बड़े दायरे में विस्तारित करेगा जिससे राज्यवार रैंकिंग की सुविधा मिलेगी।
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