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फसल बर्बाद: एक कीड़े ने उड़ाई कई राज्यों के किसानों की नींद

Nilmani Pal
20 Jun 2022 12:54 PM GMT
फसल बर्बाद: एक कीड़े ने उड़ाई कई राज्यों के किसानों की नींद
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एक छोटे से कीड़े ने हरियाणा और पंजाब के हजारों किसानों की नींद उड़ा दी है. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल और कनीना ब्लॉक में जल्दी बोई गई कपास की फसल में गुलाबी सुंडी यानी पिंक बॉलवर्म (Pink Bollworm) के हमले की जानकारी मिली है. जिले में 45,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में कपास की फसल की बुवाई हुई है. पिंक बॉलवर्म फूलों की कलियों पर हमला करता है, जिससे 50 फीसदी तक नुकसान होता है. बीटी कॉटन पर पिंक बॉलवॉर्म के हमले ने पंजाब के कॉटन बेल्ट मानसा जिले में भी किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. उधर, प्री-मानसून सीजन में सामान्य से कम बारिश और अपर्याप्त बिजली आपूर्ति की वजह से उत्तर भारत, पंजाब और हरियाणा के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में कपास की खेती (Cotton Farming) का रकबा 2022-23 (जून-जुलाई) सीजन में घटने की आशंका है.

पिछले साल भी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में गुलाबी सुंडी के अटैक से कपास की फसल खराब हो गई थी. किसानों को भारी नुकसान हुआ था. इस बार भी किसानों को आशंका है कि कहीं पिछले साल जैसे हालात न हों. पिछले साल जब गुलाबी सुंडी का अटैक हुआ था तब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने कहा था कि जहां भी जमीन में पोषक तत्वों की कमी है वहां-वहां पर किसान अगर कपास की जगह दलहनी फसलें (Pulses crops) उगाएं तो अच्छा रहेगा.

फिलहाल, हरियाणा में कपास की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. पिछले साल की तुलना में हरियाणा में कपास की खेती 3 फीसदी की गिरावट के साथ 6,28,000 हेक्टेयर में दर्ज की गई है. हरियाणा सरकार ने इस साल राज्य में 7,00,000 हेक्टेयर में कपास की बुवाई का लक्ष्य रखा था.

उधर, पंजाब में 2,43,000 हेक्टेयर में कपास की बुवाई (Cotton sowing) पूरी हो चुकी है. पंजाब में कपास की खेती तकरीबन अपने अंतिम चरण में है. पंजाब में तय किए गए लक्ष्य 4,00,000 हेक्टेयर के मुकाबले बुवाई 2,48,000 हेक्टेयर तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल राज्य में 2,51,000 हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी. नहर के पानी की अनुपलब्धता की वजह से सीजन की शुरुआत में बुवाई में कुछ देरी हुई थी. जिसके चलते पंजाब में कपास की खेती में कमी देखने को मिली है.

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