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भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर चरीगाड़ में बने पुल में भारी बारिश के बाद दरारें आ गई हैं, जिससे इस पर आपदा का खतरा मंडरा गया है। पुल के एबेटमेंट व ऊपरी हिस्सों में चौड़ी दरारें आई हैं, जिससे इस पुल पर आवाजाही करना भी खतरे से खाली नहीं है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक यदि इस पर आवाजाही नहीं रोकी गई तो भविष्य में बढ़ी घटना हो सकती है। सीमांत में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंगापानी क्षेत्र में हुई भारी बारिश से जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर चरीगाड़ उफान पर आ गई, जिससे इस पर बना लोहे के पुल के एबेटमेंट व ऊपरी हिस्से में दरारें आ गई हैं।
भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली यह सड़क सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इसी सड़क से सेना व बंगापानी, मदकोट सहित पर्यटन नगरी के लोग आवाजाही करते हैं। यहां बने पुल पर दरारें आने से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। दरारें लगातार चौड़ी होते जा रही हैं, जिससे पुल पर आपदा का खतरा मंडरा गया है।
ऐसे में पुल पर आवाजाही खतरनाक हो गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यदि पुल पर आवाजाही नहीं रोकी गई तो यह बढ़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
मरम्मत के 8 माह बाद फिर पड़ी दरार
मुनस्यारी। जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर चरीगाड़ में बने पुल का एबेटमेंट बीते वर्ष की आपदा में टूट गया था। तब इस पुल पर लंबे समय के लिए आवाजाही बंद करनी पड़ी थी। 8 माह पूर्व ही लाखों की लागत से एबेटमेंट की मरम्मत का काम किया गया। लेकिन फिर से इसका एबेटमेंट जवाब दे गया है, जिससे पुल को खतरा पैदा हो गया है। महज कुछ माह में ही फिर से एबेटमेंट टूटने व पुल पर दरार आने से बीआरओ की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
कुमाऊं के चार जिलों में करीब 60 सड़कें बंद
कुमाऊं में मुसीबत की बारिश का सिलसिला जारी है। शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश से पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में करीब 60 सड़कें पहाड़ी से मलबा आने से बंद हो गई हैं। टनकपुर में चम्पावत नेशनल हाईवे करीब दो घंटे बाधित रहा। वहीं पहाड़ों में बारिश से टनकपुर में बाटनागाड़।
किरोड़ा नाला उफान पर आने से पूर्णागिरि मार्ग पर बीते करीब 12 घंटों से यातायात ठप है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में करीब 10 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, सितारगंज, खटीमा आदि में बारिश से जगह-जगह जलभराव की समस्या पैदा हो गई है।
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