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मौलवी पर कसा शिकंजा, इस कारण हुई कार्रवाई

jantaserishta.com
17 Jun 2024 2:34 AM GMT
मौलवी पर कसा शिकंजा, इस कारण हुई कार्रवाई
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पुलिस को आशंका थी कि ईद से पहले ऐसी भड़काऊ पोस्ट ''सांप्रदायिक शांति को भंग'' कर सकती है।
भरूच: गुजरात पुलिस ने बकरीद से ऐन पहले रविवार को भरूच के आमोद में गोहत्या से जुड़ी एक कथित भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में एक 54 वर्षीय मुस्लिम मौलवी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को आशंका थी कि ईद से पहले ऐसी भड़काऊ पोस्ट ''सांप्रदायिक शांति को भंग'' कर सकती है।
भरूच जिला पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहीम राठौड़ जो दारूल उलूम बरकत-ए-ख्वाजा के मौलवी है, उस पर ''शत्रुता को बढ़ावा देने'' के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोप है मौलवी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ईद पर दी जाने जानवरों की कुर्बानी में ऊंट और भैंस जैसे अन्य पशुओं के साथ गाय को भी शामिल किया था। बता दें कि आरोपी मौलवी भरूच जिले में आदिवासियों के कथित धर्मांतरण के लिए 2022 के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद फिलहाल जमानत पर बाहर था।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भरूच के पुलिस अधीक्षक मयूर चावड़ा ने कहा, ''मौलवी द्वारा डाली गई पोस्ट भड़काऊ प्रकृति की थी क्योंकि उसमें स्पष्ट रूप से गोहत्या का जिक्र था। हमने अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने से पहले ही कार्रवाई की। वास्तव में, मौलवी ने पहला मैसेज पोस्ट करने के बाद माफी भी मांग ली थी क्योंकि उसे पता था कि पुलिस उसके पीछे लग गई है।''
दरअसल, आमोद पुलिस के सब-इंस्पेक्टर आर.ए. असवार द्वारा आईपीसी की धारा 153 (ए), 295 (ए), 504 और आईटी एक्ट के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मौलवी को गिरफ्तार किया गया था। भरूच जिला पुलिस ने कहा कि मौलवी की गिरफ्तारी जुलाई के पहले सप्ताह में निकलने वाली रथ यात्रा सहित आने वाले त्योहारों से पहले कानून और व्यवस्था की अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए एक 'निवारक उपाय' के रूप में की गई है।
बता दें कि, इस संबंध में आमोद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है, मौलवी को आगे की जांच के लिए स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) को सौंप दिया गया है ताकि "यह पता लगाया जा सके कि क्या उसे पोस्ट करने के लिए अन्य संस्थाओं द्वारा प्रोत्साहित या सहायता की गई थी"।
सब-इंस्पेक्टर असवार ने बताया कि मौलवी राठौड़ पर इससे पहले 2022 में गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। ''आरोपी का सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कृत्यों में लिप्त होने का इतिहास रहा है। वर्तमान में, वह आदिवासियों के धर्म परिवर्तन के साथ-साथ अत्याचार अधिनियम के मामले में जमानत पर बाहर है। जब उसने जो सोशल मीडिया पोस्ट किया, वह हमारे संज्ञान में आया, तो हमने किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की और मामला दर्ज किया, जिसमें मैं शिकायतकर्ता हूं।''
भरूच जिला पुलिस ने कहा कि उसने जानवरों खासकर कुर्बानी के लिए गायों को लाने-ले जाने पर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस ने 2023-24 में 171 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ 58 मामले दर्ज किए थे और 707 जानवरों को बचाया था, जिन्हें अवैध कुर्बानी के लिए ले जाया जा रहा था।
पुलिस अधीक्षक चावड़ा ने कहा कि हम सोशल मीडिया पर चौबीसों घंटे नजर रख रहे हैं और जिले में शांति भंग करने वाले किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम शांति समिति की बैठकें भी कर रहे हैं।
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