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राजस्थान के नए सीएम के लिए सीपी जोशी के नाम की सिफारिश

Nilmani Pal
22 Sep 2022 1:59 AM GMT
राजस्थान के नए सीएम के लिए सीपी जोशी के नाम की सिफारिश
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दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की. अभी तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि अगर वह अध्यक्ष चुने गए तो भी सीएम पद अपने पास ही रखेंगे लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सोनिया गांधी के साथ बैठक में गहलोत ने मुख्यमंत्री पद के लिए राजस्थान के मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की है. हालांकि, वह राज्य सरकार का आखिरी बजट पेश करने के लिए फरवरी तक सीएम बने रह सकते हैं.

बीते समय में जोशी और गहलोत के खराब संबंध किसी से छिपे नहीं थे, लेकिन लोगों में तब निकटता बढ़ गई थी, जब जून 2020 में जोशी ने कथित तौर पर गहलोत को अपनी सरकार बचाने में मदद की थी. उस समय बागी विधायक मानेसर में डेरा डाले हुए थे, तब जोशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी कर दिया था. राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंवरिया में जन्मे जोशी ने मनोविज्ञान में डॉक्टरेट और कानून की डिग्री हासिल की है. वह एक व्याख्याता के रूप में काम कर रहे थे जब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने उन्हें अपने चुनाव अभियान में शामिल किया. उस चुनाव में अपनी जीत से खुश सुखाड़िया ने 1980 में जोशी को टिकट देने के लिए कई दिग्गजों को नजरअंदाज कर दिया था.

जोशी पहली बार जब विधायक बने तो उनकी उम्र 29 साल थी. 2008 में, जोशी राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. वह राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-2 सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.

एक दिन पहले अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर कहा था कि रहना या रहने की बात नहीं है. ये समय बताएगा कि मैं कहा रहता हूं. लेकिन मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा होगा. मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा. अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश की जो स्थिति है उसके लिए कांग्रेस का मजबूत होना बहुत जरूरी है.

उनसे जब पूछा गया कि क्या वे 'एक व्यक्ति, एक पद' के नियम को देखते हुए कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे, इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह ओपन चुनाव है, इसे कोई भी लड़ सकता है. ये नियम नॉमिनेटेड पदों के लिए है.

उन्होंने कहा कि जब हाईकमान नॉमिनेट करती है, तब दो पद की बात आती है. यह चुनाव है. यह ओपन चुनाव है. इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है. इसमें कोई भी विधायक, सांसद, मंत्री चुनाव लड़ सकता है. अगर कोई राज्य का मंत्री कहता है कि वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह लड़ सकता है. वह मंत्री भी रह सकता है.


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