जोधपुर शहर में एक गाय की मौत पर इलाके के लोगों ने अनूठी शवयात्रा निकाल उसके प्रति श्रद्धा भाव दर्शाया है. 25 साल तक एक परिवार में सदस्य की तरह रही गंगा नाम की गाय की मौत के बाद परिवार के लोगों ने गंगा गाय की शवयात्रा बैंड बाजे के साथ निकाल उसे समाधि में विलीन किया. चमकदार लाल वस्त्रों से ढंका यह शव गंगा नाम की एक गाय का है. जोधपुर शहर के सूरसागर क्षेत्र में रहनेवाले जय सिंह सोलंकी के परिवार ने इस गाय की शवयात्रा पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ निकाली, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई.
यह शवयात्रा बैंड बाजे के साथ निकाली गई थी. सूरसागर क्षेत्र के जीडी व्यास कॉलोनी में रहने वाले जय सिंह सोलंकी के पास गंगा नाम की यह गाय 25 वर्षों से थी. आगे-आगे बैंड बाजे वाले थे और पीछे ट्रैक्टर ट्रॉली पर गाय का सजाया हुआ शव था.
घर के सदस्य के तौर पर 25 वर्ष तक साथ रही गंगा गाय की जब मौत हुई तो घर के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार अलग अंदाज में करने का फैसला किया और धार्मिक रूप से श्रद्धांजलि देते हुए बैंड बाजे के साथ शवयात्रा निकाली, जिसमें घर की महिलाएं भी शामिल थीं. जय सिंह सोलंकी ने बताया कि गाय हमारी माता है और गंगा के निधन पर उसको हिंदू रीति रिवाज के साथ समाधि दी जा रही है. समाधि दिए जाने से पहले इसकी शवयात्रा घर की गली से निकाली गई और शहर के चौक-चौराहों पर पहुंची, जहां इलाके के कई लोग साथ थे.