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Covid Update: डा. एनके अरोड़ा ने कहा - बच्चों में कोविड-19 संक्रमण से गंभीर बीमारी होने का नहीं है खतरा
Apurva Srivastav
31 Jan 2022 3:42 PM GMT
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टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि बच्चों में कोविड-19 संक्रमण से गंभीर बीमारी होने का खतरा नहीं है।
नई दिल्ली। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि बच्चों में कोविड-19 संक्रमण से गंभीर बीमारी होने का खतरा नहीं है। हालांकि, अब तक के सीरो सर्वे से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों को भी कोविड की चपेट में आने का उतना ही खतरा है जितना कि वयस्कों को।
चार से पांच दिन में दूर हो जा रही हैं समस्याएं
डा. अरोड़ा ने कहा कि सामान्य तौर पर बच्चों में भी गले में खराश, सर्दी और जुकाम से संक्रमित हो रहे हैं। कुछ बच्चों को 103 डिग्री तक बुखार भी हो रहा है। किसी-किसी को गैस की भी समस्या हो रहा है। ये समस्याएं चार से पांच दिन में दूर हो जा रही हैं। डा. अरोड़ा खुद भी बाल रोग विशेषज्ञ हैं। दूसरे डाक्टरों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले संक्रमित बच्चों में से ज्यादातर किसी न किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हैं।
अन्य बीमारियों से पीड़ित बच्चों को कोविड-19 संक्रमित पाया गया
लेडी हार्डिग मेडिकल इंस्टीट्यूट में बच्चों के डाक्टर प्रवीण कुमार कहते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों में अधिकतर तपेदिक, ल्यूकेमिया, तंत्रिका संबंधी रोग इत्यादि से पीड़ित बच्चे शामिल हैं। बाद में इन बच्चों को कोविड-19 से संक्रमित पाया जा रहा है।
देश में कोविड-19 के मामले घटे, मौतें बढ़ीं
ज्ञात हो कि कोविड-19 के नए मामलों में एक दिन पहले के मुकाबले 10 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन मौतें बढ़ी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में 2,09,918 नए मामले सामने आए हैं और 959 लोगों की मौत हुई है, जिसमें केरल में पिछले दिनों हुईं 374 मौतें भी शामिल हैं।
इस दौरान 2,62,628 मरीज स्वस्थ हुए हैं, जिसके चलते सक्रिय मामलों में गिरावट आई है। वर्तमान में सक्रिय मामले 18,31,268 रह गए हैं जो कुल मामलों का 4.43 प्रतिशत है। इस अवधि में 13,31,198 जांचें भी की गई हैं। दैनिक संक्रमण दर 15.77 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 15.75 प्रतिशत है। मरीजों के उबरने की दर 94.37 प्रतिशत हो गई है और मृत्युदर 1.20 प्रतिशत पर आ गई है।
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