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COVID-19: एम्स में 2 से 6 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का सेकेंड ट्रायल अगले सप्ताह से होगा शुरू
Renuka Sahu
23 July 2021 2:44 AM GMT
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फाइल फोटो
अगले हफ्ते से 2-6 साल की आयु के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 वैक्सीन, कोवैक्सीन की दूसरी डोज का परीक्षण शुरू हो सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगले हफ्ते से 2-6 साल की आयु के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 वैक्सीन, कोवैक्सीन की दूसरी डोज का परीक्षण शुरू हो सकता है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार है. इससे पहले एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि सितंबर महीने में बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है. बता दें कि एम्स वैक्सीन के परीक्षण का केंद्र है, यहां पर 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन का परीक्षण हुआ है. यहां पर 6 से 12 साल के बच्चों को वैक्सीन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है.
एम्स में चल रहा है बच्चों की वैक्सीन का परीक्षण
एम्स में बच्चों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है. इसमें प्रत्येक उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया गया है. ऐसी संभावना है कि सभी श्रेणियों में बंटे बच्चों को दूसरी खुराक लगने के बाद अगस्त तक अंतरिम रिपोर्ट जारी हो सकती है. जो बच्चों के वैक्सीनेशन का आगे का रास्ता तय करेगी. अभी कुछ दिन पहले ही इस मामले पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के टीकों का परीक्षण जल्द ही पूरा हो जाएगा.
एम्स में कोवैक्सिन के अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन का भी परीक्षण चल रहा है. 12 से 18 वर्ष के लिए जायडस कैडिला का परीक्षण पूरा हो चुका है. इसके साथ ही यह इस आयु वर्ग के लिए यह जल्द ही उपलब्ध भी हो सकता है. केंद्र ने कोर्ट से कहा कि टीकाकरण उनकी हमेशा से ही प्राथमिकता रही है.
केरल Sputnik V की शीशियां भरने के लिए RDIF के साथ कर सकता है समझौता
केरल जल्द ही रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी बनाने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ एक समझौता कर सकता है. केरल उद्योग के प्रमुख सचिव डॉ के एलंगोवन ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि (RDIF) ने भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रस्ताव में रुचि दिखाई है. अगर योजना के अनुसार चीजें होती हैं, तो राज्य में जल्द ही एक स्पुतनिक वी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमें दो विकल्प दिए गए हैं. एक लाइफ साइंस पार्क में एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट , और दूसरा, शीशियों को भरने के लिए, जो तत्काल होगा. इसलिए हमारे पास फिलहाल शॉर्ट टर्म और लॉग टर्म प्रोजेक्ट दोनों है.
डॉ एलंगोवन ने आगे बताया कि मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए भूमि आवंटन के संबंध में वर्तमान में कुछ संशोधनों पर काम किया जा रहा है. एक बार जब वे अमल में आ जाते हैं, तो बड़ी मात्रा में स्पुतनिक वी कोविड -19 टीके केरल लाए जा सकते हैं और खुराक को शीशियों को उसी स्थान से भरा जा सकता है. वहीं उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को बनाने के लॉग टर्म प्रोजेक्ट पर फिलहाल काम किया जा रहै है.
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