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COVID-19: गुजरात में मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को कोरोना केंद्र पर करनी होगी सामुदायिक सेवा, हाईकोर्ट ने इसके आदेश

Nilmani Pal
2 Dec 2020 2:09 PM GMT
COVID-19: गुजरात में मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को कोरोना केंद्र पर करनी होगी सामुदायिक सेवा, हाईकोर्ट ने इसके आदेश
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हाईकोर्ट ने इस संबंध में ज्य सरकार को एक अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश भी दिया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मास्क पहनने को लेकर सभी राज्य सख्ती बरत रहे हैं। कई राज्यों में मास्क नहीं पहनने पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है। मगर इस बीच गुजरात में मास्क नहीं पहनने वाले को कोरोना केंद्र यानी कोविड केयर सेंट पर सामुदायिक सेवा करनी होगी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुजरात हाईकोर्ट ने मास्क नहीं पहनने वाले को कोविड-19 केयर सेंटर पर अनिवार्य सामुदायिक सेवा का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में ज्य सरकार को एक अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश भी दिया है।

इससे पहले गुजरात सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि इस पर नजर रखना बहुत कठिन है कि मास्क नहीं पहनने के लिए दंडित किए जाने वाले लोगों ने क्या कोविड-19 देखभाल केंद्रों में सामुदायिक सेवा की। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने कहा कि इस पर नजर रखना काफी मुश्किल है कि लोग निर्देश के मुताबिक सामुदायिक सेवा करेंगे या नहीं।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने गुजरात में कोरोना वायरस की स्थिति पर पिछले दिनों एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। पीठ ने मास्क नहीं पहनने के लिए कई बार पकड़े जा चुके लोगों को कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा के लिए भेजने के एक प्रस्ताव पर सरकार का जवाब मांगा था। वकील विशाल अवतानी ने जनहित याचिका दायर की थी।
महाधिवक्ता ने कहा, 'हमारे पास यह देखने के लिए ऐसा तंत्र होना चाहिए जिससे पता लगे कि लोग सामुदायिक सेवा के लिए गए या नहीं । इस कार्य पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त कर्मियों को लगाना होगा। इसमें बहुत समय लगेगा।' उन्होंने कहा कि सरकार ने सख्त निगरानी की व्यवस्था की है और मास्क पहनने पर जोर दे रही है।
न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि एक सप्ताह बाद महामारी की स्थिति सुधरने या बिगड़ने पर नहीं, बल्कि अभी फैसला करना जरूरी है। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि केवल जुर्माना लगाने से काम नहीं चलेगा । उन्होंने कहा कि विचार का मकसद लोगों को नियम का उल्लंघन करने से रोकना है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि दिल्ली में मास्क न पहनने वालों पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी गई है। इससे पहले यह राशि 500 रुपये थी। दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं लगाने, थूकने और सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू के सेवन, कोविड-19 संबंधी पृथकवास के नियमों के उल्लंघन और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करने पर 2000 रुपये का जुर्माना का प्रावधान है।




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