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पूरे देश में मॉनसून पहुंच चुका है और देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश जारी है
पूरे देश में मॉनसून पहुंच चुका है और देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश जारी है. इस बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच ही मॉनसून ने दस्तक दी है. जहां दूसरी लहर अब थमने लगी है तो वहीं तीसरी लहर की आशंका जताई जाने लगी है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि दूसरी लहर के बीच और तीसरी लहर पर मॉनसून का वाकई असर पड़ेगा और अगर पड़ेगा तो कितना. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने अपनी-अपनी तरफ से इस सवालों का तलाश करने की कोशिश की थी. जानिए इस मसले पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं.
बारिश का पड़ेगा असर
कुछ डॉक्टरों की मानें तो कोरोना वायरस पर भी बारिश का असर पड़ता है. उनका कहना है कि यह बात सभी को मालूम है कि कोविड की दूसरी लहर में ड्रॉपलेट्स का खासा योगदान रहा है.दूसरी लहर में कोविड ड्रॉपलेट्स से फैल रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में नमी कोरोना और बाकी वायरल बीमारियों को फायदा होता है. जैसे-जैसे नमी कम होती है, वैसे-वैसे वायरस को पनपने में मदद मिलती है. ऐसे में निश्चित तौर पर मॉनसून का कोरोना पर असर पड़ता है.
नमी की वजह से होगा तेज
पिछले वर्ष यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर की संक्रामक रोग विभाग की वैज्ञानिक जेनिफर होर्ने ने कहा था कि बारिश का पानी वायरस की सफाई नहीं कर सकता है. इससे वायरस फैलने और फैलने और पनपने की रफ्तार भी धीमी नहीं होगी. यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन लगाना पड़ेगा. अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में एप्लाइड फिजिक्स के साइंटिस्ट जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं है कि बारिश में कोरोना वायरस पर क्या असर होगा. हालांकि, अधिकतर साइंटिस्ट ये मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है.
बढ़ेगा संक्रमण का खतरा
बारिश की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि बारिश साबुन की तरह पानी की सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है. यह उसी तरह है कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा लेकिन उसे मारने के लिए आपको हाथ में साबुन लगाना पड़ेगा. हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेई बेटेन इससे अलग सोचते हैं. उनका कहना है कि बारिश कोरोना वायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है. जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, वैसे ही यह वायरस भी बह सकता है.
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