भारत

कोर्ट का फैसला आया, 3 टीचर ने कराई थी नकल

jantaserishta.com
30 Jun 2022 3:23 AM GMT
कोर्ट का फैसला आया, 3 टीचर ने कराई थी नकल
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. जहां बोर्ड परीक्षा में नकल कराने के एक मामले में 21 साल बाद तीन शिक्षिकाओं पर 1500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुर्माना ना देने पर इन शिक्षिकाओं को 7 दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.

दरअसल 21 साल पहले 9 अप्रैल 2001 को नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित वैदिक पुत्री पाठशाला इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा के दौरान बच्चों को गाइड से नकल करना उस समय की चार शिक्षिकाओं पर महंगा पड़ गया. जब शिक्षा निदेशक सहारनपुर मंडल ने इन शिक्षिकाओं को नकल कराते हुए रंगे हाथों पकड़ा था. फिर वैदिक पुत्री पाठशाला की प्रिंसिपल संतोष गोयल ने शिक्षिका कामनी, रीता, अर्चना और उषा पर नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें चारों शिक्षिकाओं को जमानत करानी पड़ी थी.
अब इस मामले में 21 साल बाद मंगलवार को एसीजेएम -1 ने सजा सुनते हुए तीन शिक्षिका कामनी, रीता और अर्चना को 1500 रुपये का अर्थदंड लगाया है. जुर्माना समय पर अदा ना करने पर इन सभी को 7 दिनों के अतरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है. जबकि इनमें से एक अन्य शिक्षिका उषा गुप्ता की फाइल अभी कोर्ट में अलग रखी है. जिस पर फैसला आना अभी बाकी है.
इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर अभियोजन अधिकारी राम अवतार सिंह ने बताया की थाना नई मंडी में 9 अप्रैल 2001 को एक मुकदमा दर्ज हुआ था. बोर्ड परिक्षाओं के दौरान कक्ष में चार टीचर ने बच्चों को गाइड के द्वारा नकल करा रही थीं. जिसके आधार पर शिक्षा निदेशक सहारनपुर मंडल द्वारा उनको पकड़ा गया था. जबकि इनकी ड्यूटी भी नहीं थी. फिर प्रिंसिपल संतोष गोयल द्वारा इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.
Next Story