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कोर्ट का फैसला महाराष्ट्र सरकार को 'करारा तमाचा' : देवेंद्र फडणवीस

Admin2
27 Nov 2020 3:48 PM GMT
कोर्ट का फैसला महाराष्ट्र सरकार को करारा तमाचा : देवेंद्र फडणवीस
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हाल में हुई घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय और बंबई उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को दिए गए फैसले महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार पर करारा तमाचा हैं। फडणवीस ने हालांकि इस बात का जिक्र नहीं किया कि वह किस फैसले के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन वह संभवत: उच्चतम न्यायालय द्वारा पत्रकार अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने और मुंबई में कंगना रणौत के बंगले को लेकर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र कर रहे थे।

फडणवीस ने मराठी में सिलसिलेवार ट्वीट किए
फडणवीस ने मराठी में सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि देश में दो अदालतों द्वारा एक ही दिन दिए गए फैसले पिछले एक वर्ष में सरकार के कामकाज के बारे में बताते हैं। लेकिन क्या अब वे उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय को महाराष्ट्र द्रोही कहेंगे? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हाल के समय में हुई कुछ घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले सरकार पर करारा तमाचा है। उन्हें समझना चाहिए कि सरकार के खिलाफ आवाज को भी इस तरह से नहीं दबाया जा सकता है।
राज्य सरकार भूल गई कि देश में लोकतंत्र है
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार भूल गई कि देश में लोकतंत्र है। अगर अदालतों को यह सरकार को याद दिलाना पड़े तो सवाल उठता है कि क्या वे शपथ का उल्लंघन कर रहे हैं जो उन्होंने ली थी। अदालत के फैसले के बारे में जब शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा के सदस्य संजय राउत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इन फैसलों के बारे में मुझे मीडिया से पता चला। मुझे इन पर टिप्पणी करने से पहले उनका गहन अध्ययन करना होगा। मुझे कुछ समय चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट और बंबई हाई कोर्ट में आज हुई सुनवाई
उच्च्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को, आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तब तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी जब तक कि बंबई उच्च न्यायालय उनकी याचिकाओं का निस्तारण नहीं करता। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला दिया कि अभिनेत्री कंगना रणौत के बंगले का एक हिस्सा ध्वस्त करने का बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) का काम अवैध था और इसमें बुरी नीयत का पता चलता है।


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