कोर्ट ने कलेक्टर को किया तलब, बीजेपी उम्मीदवार चंद्र प्रकाश की बढ़ी मुश्किलें
यूपी। पूर्व विधायक और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के करीबी चंद्र प्रकाश मिश्र (Chandra Prakash Mishra) मटियारी से जुड़ा एक पुराना मामला सामने आया है. करीब 9 साल पहले दिल्ली की पटियाला कोर्ट (Patiala House Court) ने उन्हें एक मामले में भगोड़ा घोषित कर रखा है. साथ ही कोर्ट ने अमेठी (Amethi) के डीएम को मामले में कुर्की का आदेश दिया था. वहीं कार्रवाई नहीं करने पर अब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने 4 अप्रैल तक कार्रवाई कर सूचित करने के लिए और कार्रवाई नहीं करने पर डीएम को तलब होने का आदेश दिया है. बीजेपी ने चंद्र प्रकाश मिश्र को इस बार गौरीगंज (Gauriganj) से टिकट दिया है. कहा जा रहा है कि आगामी छह फरवरी को नामांकन भी करेंगे. अब कोर्ट से नोटिस आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं 6 फरवरी को नामांकन भी करेंगे. अब कोर्ट से नोटिस आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन कर दिया है. इसके बाद उनके खिलाफ यहां से चुनाव मैदान में उतरे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने योगी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा योगी जी मुझे पता है आप धनबल, बाहुबल और सत्ता का दुरुपयोग कर मेरा आवेदन निरस्त करा कर, चुनाव एक तरफा जीतना चाह रहे हैं. गोरखपुर में आपके द्वारा सताया गया एक-एक व्यक्ति लोकतांत्रिक जवाब देना चाहता है.जनता के निर्णय का सामना करने की हिम्मत कीजिए. लोकतंत्र की हत्या मत करिएगा.
चंद्रशेखर आजाद आगे कहा कि बीजेपी के ओर से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर पोस्टल बैलट अपने पक्ष में जलवाए जा रहे हैं. विपक्षी उम्मीदवारों को कानों कान खबर नहीं है. ये लोकतंत्र का चीरहरण है, चुनाव आयोग मौन क्यों है? एक मीडिया वेबसाइट से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे पता है कि नाम बदलने वाली सरकार बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. योगी के पास अब अपनी जीत का कोई विकल्प नहीं बचा है. वैसे भी उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों की आवाज वे हमेशा से दबाते रहे हैं. ऐसे में मुझे पूरी आशंका है कि सीएम पूरे दमखम के साथ खुद का तो नामांकन कर रहे हैं. लेकिन अपने खिलाफ चुनाव मैदान में उतर रहे किसी अन्य उम्मीदवार को वे बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे. इसलिए वो औऱ बीजेपी के पदाधिकारी मेरा नामांकन खारिज कराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.