पीएमएलए मामले में कोर्ट ने 2 लोगों को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई
एमपी। भोपाल की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने खंडवा में वन विभाग के रेंजर हरिशंकर गुर्जर और उसकी पत्नी सीमा गुर्जर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 के तहत किए गए अपराध के लिए तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अदालत ने उन्हें सजा सुनाते हुए प्रत्येक अपराधी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने 38.16 लाख रुपये की छह संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया, जिन्हें ईडी ने कुर्क किया था। इस मामले में लिकुटा पुलिस, मध्य प्रदेश द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एक अधिकारी ने कहा कि हरिशंकर गुर्जर ने अपने आधिकारिक पद और आपराधिक कदाचार का दुरुपयोग करके अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक आय अर्जित की, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।
इस प्रकार अर्जित आय से अधिक संपत्ति का उपयोग उसके द्वारा अपने/परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने के लिए किया गया है और इसे बेदाग संपत्तियों के रूप में दर्शाया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें दोषी करार दिया।