बिहार के अररिया में आठ साल की मासूम से दरिंदगी करने वाले को अदालत ने जीवन भर जेल में ही रहने की कठोर सजा सुनाई है। मामले की एफआईआर दर्ज होने के 85 दिनों के अंदर ही अदालत ने फैसला सुनाया है। एडीजे-6 शशिकांत राय की अदालत ने अपने फैसले में आरोपी को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास में रखने का आदेश दिया है। आरोपी पर 10 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया गया है। इसके अलावा सरकार की तरफ से विक्टिम कम्पनसेशन फन्ड से पीड़िता को 10 लाख रुपये आर्थिक मदद देने के लिए डीएलएसए के माध्यम से आदेश दिया है।
पोक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि कुआड़ी वार्ड पांच में 22 सितंबर 2021 की शाम आरोपी राजकुमार यादव ने बच्ची को चाकलेट के बहाने बाहर ले जाकर दुष्कर्म किया था। दरिंदगी से बच्ची के प्राईवेट पार्ट में गंभीर चोट भी लगी थी। खून बहता देख आरोपी युवक बच्ची को सड़क किनारे छोड़कर भाग गया था। ग्रामीणो की मदद से बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची ने पुलिस के सामने बयान देते हुए अपनी आपबीती बयां की। इसके बाद महिला थाना में धारा 376 भादवि एवं 4 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। महिला थानेदार ने मामले की विवेचना की जिम्मेदारी अवर निरीक्षक अनिमा कुमारी को दी। अनिमा कुमारी ने आरोपी राजकुमार यादव की गिरफ्तारी की और तेजी में जांच करते हुए दो महीने के भीतर ही चार्जशीट तैयार कर 22 नवंबर 2021 को न्यायालय में जमा कर दी।
अभियुक्त की ओर से निजी वकील नहीं होने पर न्यायालय ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता के रूप में कुमारी वीणा की नियिुक्त की। 14 दिसंबर को ही आरोपी के खिलाफ आरोपों में संज्ञान लिया गया। अगले दिन 15 दिसंबर को आरोप दर्ज करते हुए 8 गवाहों की पेशी कराई गई। इसमें पीड़िता, पीड़िता के माता-पिता ग्रामीण सहित डाक्टर, एएनएम व जांच करने वाली पुलिस पदाधिकारी शामिल थी। गवाहों के बयान के बाद अदालत ने आरोपी को धारा 376 एबी और 4 पोक्सो एक्ट में दोष पाया। स्पेशल पीपी डॉ श्यामलाल यादव ने आरोपी को सजा ए मौत देने की अपील की। बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश शशिकांत राय ने उम्रकैद की सजा सुनाई।