एमपी। इंदौर (मध्य प्रदेश) की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को पीएमटी-2004 परीक्षा में धांधली से संबंधित व्यापम घोटाला मामले में एक दोषी को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने धांधली के जालसाजी के दोषी विनय कुमार को सात साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तुरंत बाद मामला दर्ज किया था। मामला पहले 2004 में खंडवा कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली थी। व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी-2004 परीक्षा में धांधली के आरोप में प्रत्याशी, जालसाजी करने वाला और बिचौलिए समेत तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज था।
सुनवाई के दौरान विनय कुमार न्यायिक प्रक्रिया से फरार हो गया था और उसके खिलाफ 2015 में गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था। कुमार को 2018 में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले निचली अदालत ने 2015 में उम्मीदवार को दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया था और बिचौलिए को बरी कर दिया था। हालांकि, कुमार (जालसाजी करने वाला) के खिलाफ फैसला नहीं सुनाया गया था, क्योंकि वह फरार था।