अदालत ने तुस्याना भूमि घोटाले में गिरफ्तार कैलाश भाटी को भेजा जेल, जानिए पूरी खबर
एनसीआर नॉएडा ब्रेकिंग न्यूज़: ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले में भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी के छोटे भाई को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। कैलाश भाटी के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक कर्मचारी और घोटाले के मास्टरमाइंड राजेन्द्र सिंह के बेटे दीपक सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों को एसआईटी और इकोटेक-3 पुलिस ने जिला न्यायालय में पेश किया। अदालत ने तीनों को 14 दिनों की न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर की एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने कहा, "अभी कई और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। पूरे रैकेट के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।"
पहले सरकारी जमीन हड़पी गई: एडिशनल पुलिस कमिश्नर भारती सिंह ने बताया, "दादरी तहसील के गांव तुस्याना में खसरा संख्या 987, 1104, 1105 और 1106 में ग्राम समाज की जमीन थी। यह जमीन टेक्नोलॉजी पार्क लिमिटेड नाम की कंपनी ने अधिग्रहित कर ली। इसके बाद जमीन कंपनी की खतौनी में खाता संख्या 279 और 280 में दर्ज की गई। चकबंदी से पहले इन खसरों में ग्राम समाज की जमीन, बंजर, नाली, गैर मुमकिन और पट्टों की जमीन थी। लिहाजा, इस सरकारी जमीन के बैनामे नहीं किए जा सकते थे।
शासन ने एसआईटी गठित की: एडिशनल सीपी ने कहा, "इस घोटाले को लेकर करीब 2 दशकों से गांव के लोग विभिन्न स्तर पर शिकायत कर रहे थे। शिकायतों के आधार पर शासन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया। यह एसआईटी जांच कर रही है। कंपनी की ओर से डायरेक्टर पीएस सब्बरवाल ने दो लोगों राजेंद्र पुत्र महताब और एम कान्त पुत्र जीएस कांत को पॉवर ऑफ अटॉर्नी की थीं। इन पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर राजेंद्र सिंह और एम कांत ने पूरी जमीन स्वेतना, मधु सिंह, रविंद्र, वीरेंद्र, गीता सिंह और सुरेंद्र के नाम बैनामे कर दिए। इस जमीन का ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने अधिग्रहण कर लिया। इन सारे लोगों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अफसरों से मिलीभगत करके मुआवजा ले लिया। नियमानुसार जमीन राज्य सरकार की थी और इसके लिए मुआवजा इन लोगों को नहीं दिया जा सकता था। बड़ी बात यह है कि जिस दौरान मुआवजा दिया गया तब जिला प्रशासन इस जमीन पर मालिकाना हक वापस लेने के लिए अदालत में मुकदमा लड़ रहा था।
घोटाले में घोटाला करके फंस गए कैलाश भाटी: एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने बताया कि राजेंद्र सिंह ने षड्यंत्र करके ग्राम तुस्याना में आवंटित प्लॉट को नॉलेज पार्क वन के प्लॉट नंबर ए-1 में अपनी पुत्रवधू स्वेतना पत्नी मनोज और मधु सिंह पत्नी दीपक के नाम आवंटित करवाया। इस भूखंड पर कमर्शियल बिल्डिंग खड़ी कर दी गई। अथॉरिटी के अधिकारी कैलाश भाटी, कर्मचारी कमल सिंह और दीपक ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। अथॉरिटी की तरफ से रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर किए। इन लोगों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र में सहयोग किया है। जांच के दौरान एसआईटी और पुलिस को यह तथ्य मिले। जिनके आधार पर कैलाश भाटी, कमल सिंह और दीपक को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में एसआईटी के मुख्य विवेचक देवकीनंदन, सब इंस्पेक्टर संजय सिंह, सब इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार, हेड कांस्टेबल संजीव कुमार, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, कांस्टेबल प्रदीप कुमार और कांस्टेबल विनीत कुमार शामिल हैं।