दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की याचिका कोर्ट ने किया खारिज, ऑफलाइन ही होंगे एग्जाम्स
दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज 06 मई को छात्रों की उस याचिका को खारिज कर दिया. एजेंसी के अनुसार, विश्वविद्यालय के 11 फरवरी के नोटिस को चुनौती देने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की उस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें मई 2022 में होने वाले इवेन सेमेस्टर के लिए ऑफलाइन परीक्षा को हाइब्रिड मोड में आयोजित करने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अपने आदेश में कह, "यह कोई आदेश पारित करने का सही समय नहीं है. हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ताओं को परिस्थितियों में कोई बदलाव होने पर फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी है." याचिका में वर्तमान सेमेस्टर के लिए सभी परीक्षाओं को ओपन बुक मोड में आयोजित करने का निर्देश जारी करने की भी मांग की गई थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के बाहरी छात्रों सहित आठ छात्रों ने बताया कि 09 फरवरी के आदेश के बावजूद विभिन्न कॉलेजों के छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन मोड के माध्यम से संचालित की जाती रही और इसके लिए उन्हें समय-समय पर उनके संबंधित लिंक प्रदान किए गए. छात्रों के वकील अधिवक्ता अजय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि वर्तमान स्थिति में जहां कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय को अपने 11 फरवरी के नोटिस पर पुनर्विचार करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा प्राप्त करने वालों में से ज्यादातर बाहरी छात्र हैं और उनके पास अपने कॉलेज आने के लिए स्वयं का वाहन नहीं है. मौजूदा स्थिति में, परीक्षा में शामिल होने के लिए सार्वजनिक वाहन का उपयोग करना उनके लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इसके अलावा जिन्होंने ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कर अपना सेमेस्टर पूरा कर लिया है, उन्हें ऑफलाइन मोड में परीक्षा में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि छात्र लंबे समय से सोशल मीडिया पर ऑफलाइन परीक्षाओं की जगह हाइब्रिड मोड में एग्जाम लेने की मांग कर रहे हैं. छात्र शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से भी ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने की मांग उठा रहे हैं. कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद अब संभव है कि छात्रों को ऑफलाइन मोड में ही परीक्षा देनी होगी.