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काउंटडाउन शुरू: 2:30 बजे धमाका, ध्वस्त हो जाएगा ट्विन टावर

Admin2
28 Aug 2022 1:17 AM GMT
काउंटडाउन शुरू: 2:30 बजे धमाका, ध्वस्त हो जाएगा ट्विन टावर
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नोएडा का सेक्टर-93A,आज ये जगह आजाद भारत के इतिहास की कई बड़ी घटनाओं का गवाह बनने जा रही है. आज यहां सिर्फ 32 मंजिल की दो बहुमंजिला या 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को ही नहीं ढहाया जाएगा, बल्कि देश में आसमान की बुलंदियों तक पहुंचे भ्रष्टाचार को भी जमींदोज किया जाएगा. इतना ही नहीं देश में पहली बार इस तरह किसी इमारत को ढहाने की ये पहली घटना होगी, तो अगर दूसरे नजरिए से देखा जाए तो इस तरह की तकनीक हासिल करने के लिए भी ये पल साक्षी बनेगा. ट्विन टावर का डिमॉलिशन सुरक्षित हो, इसे लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है. एहतियात से जुड़े सारे प्रबंध किए हैं. वहीं धमाके के बाद उठने वाले धूल और धुंऐ के गुबार को सीमित रखने की भी कोशिश हो रही है. साथ ही अस्पतालों को भी हेल्थ इमरजेंसी के लिए तैयार रहने का अलर्ट भेज दिया गया है और आस-पास के इलाके को खाली करा लिया गया है.

2:30 बजे धमाका, और सब ध्वस्त
नोएडा के ट्विन टावर को धमाके से जमींदोज़ करने का वक्त आज 28 अगस्त 2022 को दोपहर ढाई बजे मुकर्रर हुआ है. 12 सेकेंड में 3700 किलोग्राम बारूद इन इमारतों को ध्वस्त कर देगा. इसके लिए इमारतों में 9,640 छेद कर ये बारूद भरा गया है. सुपरटेक की एमरॉल्ड कोर्ट के ये ट्विन टावर लंबे समय से निर्माणाधीन ही हैं और अब ये कंप्लीट होने की बजाय जमींदोज़ होने जा रहे हैं.
डिमॉलिशन के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम
ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण सही तरीके से हो जाए, इसके लिए नोएडा प्रशासन ने एक कंट्रोल रूम भी बनाया है. इस नियंत्रण कक्ष में प्रशासन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की टीम मौजूद रहेगी. अस्पतालों से सम्पर्क बनाए रखा जाएगा. इतना ही नहीं अस्पतालों को पहले ही तैयार रहने का अलर्ट जारी कर दिया गया है. धमाके की वजह से जो धूल और धुंऐ का गुबार पैदा होगा, उससे कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आने का अंदेशा है. ऐसे में सेक्टर 128 के जेपी हॉस्पिटल में 12 ICU और 8 इमरजेंसी बेड तैयार रखे गए हैं.
एंबुलेंस को तैयार रहने के लिए कहा गया है. वहीं धमाके में किसी भी तरह की अनहोनी के लिए भी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. इतना ही अस्पतालों को संडे के बावजूद पर्याप्त स्टाफ की मौजूदगी, ब्लड बैंक में खून की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है. फेलिक्स हॉस्पिटल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. ये अस्पताल डिमॉलिशन की जगह से महज 4 किमी ही दूर है. सरकारी अस्पताल GIMS में भी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहेंगी.
अस्थमा के मरीजों के लिए गाडलाइन
नोएडा प्राधिकरण ने ट्विन टावर ढहाए जाने को लेकर आम लोगों को लिए गाइडलाइन जारी की हैं. शहर के ट्रैफिक को डायवर्ट किया है. इतना ही नहीं जिन लोगों को अस्थमा या सांस की बीमारी है और वो आसपास के इलाकों में रहते हैं, उन्हें खास एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. उनसे ध्वस्तीकरण के पहले और बाद में कुछ घंटों तक मास्क पहनकर रखने का आग्रह किया गया है.
धूल नियंत्रण के लिए Smog Gun का इस्तेमाल
ट्विन टावर में एक टावर एपेक्स 32 मंजिला है और दूसरा सीयान 29 मंजिला है. इनके ध्वस्तीकरण से करीब 35,000 घन मीटर मलबा पैदा होगा जिसे ठिकाने लगेंगे में करीब 3 महीने का वक्त लगेगा. धमाके के दौरान उठने वाली धूल और धुंऐ पर नियंत्रण के लिए स्थानीय प्रशासन ने फॉगिंग मशीनें लगाई हैं और इनका ट्रायल किया गया है. हालांकि धूल का ये अंबार कब पूरी तरह नियंत्रण में आएगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.
Water Fall टेक्नोलॉजी से ढहेंगे ट्विन टावर
नोएडा के ट्विन टावर को वाटर फॉल टेक्निक से ढहाया जाएगा. इसमें विस्फोट के साथ पूरी बिल्डिंग ताश के पत्ते की तरह नीचे आ आएगी, क्योंकि अगर इस इमारत को एक-एक मंजिल तोड़कर ढहाया जाता, तो लगभग डेढ़ साल का वक्त लगता. कुछ ही सेकेंड में इस इमारत को ढहाने के लिए Edfice Engineering नाम की कंपनी ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
नोएडा के आसमान में नहीं उड़ेंगे विमान
ट्विन टावर गिराए जाने के दौरान नोएडा शहर के आसपास से होकर हवाई जहाज नहीं उड़ सकेंगे. इसकी वजह धमाके से धूल और धुंऐ के गुबार का उठना है.नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी इसे लेकर अपनी सहमति दे दी है. नोएडा के इन बिल्डिंग से उड़ने वाली धूल के दिल्ली की तरफ ना बढ़कर आगरा और मथुरा की तरफ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
धूल-धूल हो जाएंगे 800 करोड़ रुपये
सुपरटेक के इन ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) आने का अनुमान है. टावर्स को गिराने का ये खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी. इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हैं और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं रियल एस्टेट जानकारों की मानें तो जिस इलाके में ये टावर्स बने हैं, वहां प्रॉपर्टी की वैल्यू के हिसाब से इन दोनों टावर्स की वैल्यू (Supertech Twin Towers Value) 1000 करोड़ रुपये के पार निकल जाती है. अगर कानूनी मुकदमेबाजियों के चलते इस वैल्यू पर थोड़ा बहुत असर पड़ा भी होगा तो इनकी मौजूदा वैल्यू 700 से 800 करोड़ है. हालांकि कुछ ही घंटों बाद ये वैल्यू धूल भर रह जाएगी.
जमींदोज होंगे भ्रष्टाचार के टावर
इन ट्विन टावर्स को लेकर सुपरटेक के खिलाफ शुरू से ही केस लड़ने वाले उदयभान तेवतिया का कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई काम आई. ये अवैध निर्माण आज ढहने जा रहा है. एक समय उन्होंने और उनके परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी. उदयभान एमराल्ड कोर्ट में RWA के अध्यक्ष हैं.
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