एनसीआर न्यूज़: यूपी के गाजियाबाद से एक बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि गाजियाबाद नगर निगम के नवनिर्वाचित 26 पार्षदों के ऊपर पद जाने का खतरा मंडरा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यदि ठीक ढंग से जांच की गई तो कम से कम 26 पार्षदों की कुर्सी छीन जाएगी।
आपको बताते हैं कि आखिर गाजियाबाद नगर निगम के पार्षदों पर पद जाने का संकट क्यों मंडरा रहा है। चेतना मंच की गाजियाबाद संवाददाता मीना कौशिक के अनुसार गाजियाबाद के 26 पार्षदों के खिलाफ पिछले दिनों नगर निगम चुनाव के दौरान दस्तावेज छुपाने और गड़बड़ी को लेकर न्यायालय में अर्जी दी गई थी।
न्यायालय में दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 26 पार्षदों ने निर्वाचन फार्म भरने के दौरान अपने दस्तावेजों में गड़बड़ी की थी और कई जरुरी तथ्यों को छिपाया है। प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों के द्वारा निर्वाचन के समय आरोप लगाकर शिकायत की गई थी कि उक्त पार्षदों ने अपनी संपत्ति संबंधित दस्तावेज छुपाए हैं। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र संबंधी गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए थे। चुनाव संपन्न हुए अभी 3 महीने भी नहीं बीते कि 26 पार्षदों की कुर्सी पर संकट गहरा गया है। अगर यह दस्तावेज संबंधी गड़बड़ियों सही पाई जाती हैं तो उनकी कुर्सी खतरे में होगी।
सूत्रों के मुताबिक शिकायत किए गए वार्डों में वार्ड- 10, 17, 20, 21, 26, 29, 34, 35, 36, 41, 59, 60, 63, 64, 66, 72, 73, 74, 75, 82, 83, 86, 87, 89, 93 और वार्ड नंबर 96 शामिल हैं।
जानकारी में आया है कि सभी 26 वार्डों से अपर नगर आयुक्त कार्यालय द्वारा तहसील से जाति प्रमाण पत्र सत्यापित कराकर मांगे गए हैं। सत्यापन के बाद प्रशासन को उसकी रिपोर्ट दी जाएगी। सूत्रों का मानना है अगर आरोपों में वास्तव में गड़बड़ियां पाई जाती हैं तो 26 पार्षदों के लिए संकट की घड़ी जरूर होगी।