प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के राज में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को विपक्षी दल को आड़े हाथ लिया और कहा कि आजादी के चार दशक बाद तक पार्टी को यह समझ नहीं आया कि गांवों में पंचायती राज प्रणाली लागू करना कितना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये फरीदाबाद के सूरजकुंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो दिवसीय कार्यक्रम ‘हरियाणा क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद’ का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस के राज में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।’’ मोदी ने कहा कि देश आज विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने और ‘अमृत काल’ के प्रस्तावों को साकार करने की दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस अमृत काल की 25 वर्ष की यात्रा के दौरान हमें पिछले दशकों के अनुभवों को भी याद रखना होगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आजादी के चार दशकों तक कांग्रेस यह नहीं समझ पाई कि गांवों में पंचायती राज व्यवस्था लागू करना कितना जरूरी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बाद में स्थापित जिला पंचायत प्रणाली को भी उसके हाल पर छोड़ दिया। मोदी ने कहा, ‘‘ इसका नतीजा यह हुआ कि गांवों में रहने वाली देश की दो-तिहाई आबादी को सड़क, बिजली, पानी, बैंक और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए तरसना पड़ा... इस लापरवाही की वजह से आजादी के सात दशक बाद भी देश के लगभग 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंच सकी थी।’’ उनकी सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी की गारंटी चुनावी वादा नहीं है। मोदी जब गारंटी देता है, तो उसे जमीन पर भी उतारता है।’’ सूरजकुंड में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ और अन्य नेता भी मौजूद थे। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित भाजपा से जुड़े उत्तर भारत के राज्यों के जिला परिषद अध्यक्ष, जिला पंचायत प्रमुख सहित कुल 182 प्रतिनिधि शामिल हुए। नड्डा ने कहा कि अगली कार्यशाला 12-13 अगस्त को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में आयोजित की जाएगी, जिसमें 134 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने कभी पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया और कांग्रेस शासन में अधिकतर कार्य कागजों तक सीमित रहे एवं जम्मू-कश्मीर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त कने के बाद पहली बार वहां जिला स्तर पर ग्राम पंचायत चुनाव कराए गए। वहां जमीनी स्तर पर स्थापित लोकतंत्र में पहली बार 33 हजार प्रतिनिधियों का चुनाव संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि आज देश एकजुट होकर विकसित भारत के लक्ष्य को मूर्त रूप देने और ‘अमृत काल’ के संकल्पों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘विकसित भारत का मार्ग टियर-2, टियर-3 शहरों और गांवों से होकर गुजरता है। मुख्य शहरों से दूर के कस्बों और छोटे शहरों में उम्मीद की नयी किरण एवं ऊर्जा दिखाई देती है।’’ उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा, ‘‘ पंचायतों के पास किसी भी क्षेत्र में बदलाव की ताकत है और इसलिए इस संदर्भ में भाजपा प्रतिनिधियों के तौर पर आपकी भूमिका बहुत अहम बन जाती है।’’ भाजपा प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें पंचायती प्रणाली के लाभ को कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक ले जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘आज केंद्र सरकार प्रत्येक योजना की शत प्रतिशत संतृप्तता के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। यह तभी संभव है जब हम इस लक्ष्य को प्रत्येक गांव में हासिल करें।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब हम 100 प्रतिशत लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचा देंगे तब ‘जातिवाद, परिवारवाद, मेरा-तेरा’ नहीं बचेगा। वास्तविक सामाजिक न्याय के भाव के साथ भ्रष्टाचार की कोई आशंका नहीं होगी।’’
मोदी ने कहा कि गत नौ साल में किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बीज से लेकर बाजार तक की ऐसी प्रणाली विकसित की गई, ताकि उनकी लागत कम हो और आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा, ‘‘2019 में जब हमने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की थी, तब लोगों ने कहा था कि ऐसा चुनाव के लिए किया गया। मोदी की गारंटी चुनावी वादे नहीं होते हैं। जब मोदी गांरटी देता है, तो उसे असल में जमीन पर उतारता है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2.60लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष रूप से किसानों के खातों में जमा कराए गए। उन्होंने कहा कि किसानों को यूरिया उर्वरक की एक बोरी 300 रुपये में मिलती है, जबकि कुछ देशों में इसकी कीमत तीन हजार रुपये है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बोझ वहन कर रही है, ताकि किसानों को परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा, ‘‘फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 1.30 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है।’’ मोदी ने ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार करने के लिए केंद्र द्वारा लागू विभिन्न योजनाओं के सकारात्मक असर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गत नौ साल में 50 करोड़ बैंक खाते जन-धन योजना के तहत खोले गए हैं और इनमें अधिकतर लाभार्थी महिलाएं हैं।
मोदी ने नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की सालगिरह का संदर्भ देते हुए दोहराया कि वह ऐतिहासिक दिन था। उन्होंने कहा कि पूरा देश भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण के ‘भारत छोड़ने’ के लिए आवाज बुलंद कर रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘एकसुर में आवाज होनी चाहिए ‘भ्रष्टाचार भारत छोड़ो’, प्रत्येक बच्चे को कहना चाहिए ‘वंशवाद भारत छोड़ो’, ‘तुष्टिकरण भारत छोड़ो।’’ उन्होंने जिला परिषद प्रतिनिधियों से 15 अगस्त से पहले ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के लिए कोशिश करने को कहा। मोदी ने कहा,‘‘आज भाजपा की छवि ऐसी बनी है, जिसमें गरीब भरोसा करता है कि जहां पर कमल का निशान (भाजपा का चुनाव चिह्न) है, वहां पर गरीबों का कल्याण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि इस कार्यशाला से हम राष्ट्र निर्माण में जिला पंचायतों की भूमिका को नयी दिशा दे सकेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान ने ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 100 से कम ग्राम पंचायतें थीं, जो ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी थीं, जबकि अब दो लाख ऐसी पंचायतें हैं।
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन ‘स्वदेशी आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी। मोदी ने पंचायत सदस्यों से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए मुखर होने का आह्वान किया। उन्होंने जिला परिषद प्रतिनिधियों से कहा कि वे जीईएम पोर्टल के जरिये उत्पादों की खरीद करें। उन्होंने कहा कि इससे ‘‘ पैसे की बचत होगी, भ्रष्टाचार खत्म होगा और इससे शीघ्र वितरण संभव होगा।’’ मोदी ने रक्षाबंधन, दिवाली जैसे त्योहारों पर ‘मेक इन इंडिया’ उत्पाद खरीदने पर जोर दिया। उन्होंने भाजपा प्रतिनिधियों से प्रत्येक जिले के उत्पाद और कृषि उपज की पहचान करने को कहा, जो वैश्विक बाजार में पहुंच सकती है और फिर उन्हें प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि बनारसी पान को भी जीआई टैग प्राप्त हुआ है। उन्होंने जिला पंचायत विकास योजना बनाने की वकालत की। नड्डा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। विगत नौ वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में त्रिस्तरीय पंचायती राज का जिस प्रकार सबलीकरण हुआ है, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया और जेएएम पोर्टल का उपयोग करते हुए योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाई गई और पारदर्शिता के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों को आज आर्थिक दृष्टि से बहुत बड़ी ताकत मिली है, जिससे योजनाएं सही तरीके से कार्यान्वित भी हो रही हैं।’’ केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को गिनाते हुये नड्डा ने कहा कि मोदी जी की नीतियों और योजनाओं के कार्यान्वयन से गांव, गरीब, वंचित, शोषित, पीडि़त, दलित, महिला, युवा और किसानों, सबको ताकत मिली है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देश की समग्र प्रगति के लिए ग्रामीण विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कृषि न केवल खाद्य सुरक्षा में, बल्कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार में भी योगदान देता है। खट्टर ने कहा, ‘‘चूंकि भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा खेती से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र पर अर्थव्यवस्था की निर्भरता बनी हुई है। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार में भी कृषि अहम योगदान देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम यहां एक ऐसे विषय पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, जो देश के लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों और प्रत्येक नागरिक के कल्याण के लिए जरूरी है।
आजादी के 75 साल बाद भी गांवों का विकास सबसे पहली जरूरत बना हुआ है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 प्रमुख विभागों का काम पंचायती राज संस्थाओं को सौंप दिया है और विकास कार्यों के लिए राशि सीधे पंचायतों के खातों में जमा की जाती है। इतना ही नहीं, विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में भी ई-निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है।’’ इस कार्यक्रम में अन्य नेताओं ने भी शिरकत की।