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अच्छी बेटी नहीं बन पाई, कॉलेज छात्रा ने सुसाइड नोट लिखकर दी जान

Nilmani Pal
19 Sep 2022 1:40 AM GMT
अच्छी बेटी नहीं बन पाई, कॉलेज छात्रा ने सुसाइड नोट लिखकर दी जान
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जांच जारी

बिहार। मुजफ्फरपुर में एक छात्रा का शव पंखे से लटका मिला. घटना काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र की है जहां छात्रा एक किराये के कमरे रहती थी. लड़की के शव के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने छानबीन के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है. मौके से बरामद सुसाइड नोट, और अन्य साक्ष्यों को कब्जे में ले लिया है. छात्रा 25 साल की थी. वह पश्चिमी चंपारण के भैरोगंज थाना के परसौनी की रहने वाली थी.

बताया जा रहा है कि छात्रा घर से बीएड का फॉर्म भरने की बात कहकर मुजफ्फरपुर गई थी. छात्रा की मां ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी मुजफ्फरपुर के रामदयालु नगर में अपने भाई के सा किराये के मकान में रहते थे. इसके अलावा उनके भाई का लड़का भी साथ में रहकर पढ़ाई कर रहा था. साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान किराये का मकान खाली करके सभी घर आ गए थे. लेकिन बेटी कभी-कभी मुजफ्फरपुर के उसी मकान में जाकर रहती थी.

उन्होंने बताया कि दो दिन पहले बेटी घर से बीएड का फॉर्म भरने की बात कहकर निकली थी. शुक्रवार को करीब डेढ़ बजे बेटी से फोन पर बात हुई थी. उसने बताया कि मकान मालिक के घर में पूजा है. इसके बाद रात में मकान मालकिन ने फोन पर कहा कि उनकी बेटी कॉल नहीं उठा रही है. उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है. इसके बाद उन्होंने भी कॉल की लेकिन बेटी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद मकान मालिक ने घर वालों को वीडियो कॉल करके दरवाजा तोड़ा, जहां लड़की दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे से लटकी हुई थी. घरवालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को उतरवाया.

इस मामले में थानेदार दिगंबर कुमार का कहना है कि छात्रा के आत्महत्या करने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है. पीड़िता की मां की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है. मौके से बरामद साक्ष्यों व अन्य बिंदुओं पर मामले की जांच की जा रही है.

बरामद सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा, " हमें माफ कर दीजियेगा आप लोग, हम अपनी जिंदगी से खुश नहीं हैं. हम मरना चाह रहे हैं. किसी का कोई दोष नहीं है इसमें, पुलिस बीच में न पड़े. हम यही चाहते हैं. ये मेरी जिंदगी थी और हम इसको खत्म कर रहे. मेरे लिए रोने की किसी को भी जरूरत नहीं है. हम एक अच्छी बेटी नहीं बन पाए. माफ कर दीजिए मुझे...".


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