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बाल विकास पुष्टाहार विभाग में भ्रष्टाचार का मामला, अधिकारी पर अवैध वसूली का आरोप

jantaserishta.com
18 April 2022 3:57 PM GMT
बाल विकास पुष्टाहार विभाग में भ्रष्टाचार का मामला, अधिकारी पर अवैध वसूली का आरोप
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बाल विकास पुष्टाहार विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सोमवार को तूल पकड़ गया। फतेहपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह पर अवैध वसूली के आरोप लगाते हुए केन्द्रीय आवासन व शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि भ्रष्ट अफसरों में संदेश जाए।

हथगाम की एक मुख्य सेविका से डीपीओ की बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल हुई है। इसमें वह लंबित भुगतान के लिए 20-20 हजार रुपये की मांग करते हुए सुनाई दे रहे हैं। मुख्य सेविका ने भी अपने स्तर से राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि 'हिन्दुस्तान' इस क्लिप की पुष्टि नहीं करता।
वहीं राजकीय वाहन चालक प्रांतीय संघ ने भी निदेशक, बाल विकास पुष्टाहार को पत्र लिख कर डीपीओ पर नियमविरुद्ध वाहन की मरम्मत में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में निदेशक, आईसीडीएस से रिपोर्ट मांगी गई है।
कौशल किशोर ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि इस डीपीओ पर कई स्तरों पर जांच लम्बित है। इसके बावजूद कर्मचारियों का उत्पीड़न व शोषण अनवरत जारी है। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने अपने फतेहपुर प्रतिनिधि अंशु सिंह सेंगर का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने राजीव सिंह पटेल की अनियमितताओं के संबंध में बताया है। पत्र में कहा गया है कि सांसद के फतेहपुर जिले के दौरे के समय भी राजीव सिंह की अनियमितताएं सामने आई हैं। जांच लम्बित है, इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। फतेहपुर आकांक्षी जिले में शामिल है।
पहले भी रहे हैं विवादों में
राजीव सिंह इससे पहले भदोही में डीपीओ थे और वहां भी एक मुख्य सेविका ने उन पर अनैतिक मांग करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह फतेहपुर भेजे गए थे। जो बातचीत वायरल हुई है, उसमें वह 20-20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। मुख्य सेविका ने राज्य महिला आयोग को पत्र लिख कर डीपीओ पर दलित उत्पीड़न समेत शारीरिक, मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
पत्र में उसने कहा है कि डीपीओ उन पर मुख्य सेविकाओं से 20-20 हजार रुपये अवैध वसूली का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने डीपीओ पर अनुचित दबाव बनाने, देर रात तक कार्यालय में बैठने व हर बात के लिए मुख्य सेविकाओं को बुलाने समेत फोन रिकार्ड कर उसे सुनने का आरोप लगाया है। मुख्य सेविका का यह भी आरोप है कि डीपीओ सीधे मुख्य सेविकाओं को पत्र लिख कर कार्यालय में बदनीयत से बुलाते हैं।
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