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भ्रष्टाचार मामला, CBI ने किया अपने अधिकारी की जमानत याचिका का विरोध

Nilmani Pal
29 Sep 2021 1:08 PM GMT
भ्रष्टाचार मामला, CBI ने किया अपने अधिकारी की जमानत याचिका का विरोध
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सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में अपने अधिकारी अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका का विरोध किया, जिन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में एजेंसी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कथित तौर पर लीक की थी। सीबीआई ने कहा कि अभिषेक तिवारी पर लगे आरोप गंभीर हैं और उन्हें रिहा किया जाना निष्पक्ष जांच के लिए नुकसानदायक होगा। तिवारी की जमानत याचिका के जवाब में सीबीआई ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी के तौर पर उनका काम भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों का पता लगाना और उन्हें न्याय के कठघरे में लाना था, लेकिन वह खुद ही भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोपी पाए गए।

एजेंसी ने कहा कि अपराध काफी गंभीर है और याचिकाकर्ता (तिवारी) को जांच के तौर-तरीकों के बारे में पता है, इसलिए उनकी रिहाई से निष्पक्ष एवं उचित जांच को नुकसान होगा। अपराध भ्रष्टाचार का है और यह बाड़ के खेत खाने जैसा है। जस्टिस योगेश खन्ना ने मामले की सुनवाई पांच अक्टूबर के लिए तय की है। सीबीआई ने अपने सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी, नागपुर के वकील आनंद डागा एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया था। डागा, अनिल देशमुख के लिए वकील के तौर पर काम करते थे। याचिका के मुताबिक, तिवारी को 30 अगस्त को हिरासत में लिया गया और एक सितंबर को गिरफ्तार किया गया और वह छह सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रहे। उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत के आठ सितंबर के फैसले को चुनौती दी है जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।


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