भारत
देश में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार, पिछले 24 घंटे में 3,688 नए मरीज मिले
jantaserishta.com
30 April 2022 3:54 AM GMT
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शंघाई में लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं
नई दिल्ली: भारत में पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 3,688 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 2,755 लोग डिस्चार्ज हुए और कोरोना से 50 लोगों की मौत हुई है.
कुल मामले: 4,30,75,864
सक्रिय मामले: 18,684
कुल रिकवरी: 4,25,33,377
कुल मौतें: 5,23,803
कुल वैक्सीनेशन: 1,88,89,90,935
COVID19 | 3,688 new cases in India today; Active caseload rises to 18,684 pic.twitter.com/9NB1foJONC
— ANI (@ANI) April 30, 2022
शंघाई में लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं
चीन के शंघाई में कोरोना के केसों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. इसके चलते वहां हाहाकार मचा हुआ है, सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का हथकंडा अपनाते हुए तालाबंदी कर दी है. अब आलम ये है कि कारोबार के बड़े केंद्र वाले इस शहर से लोग भागने के लिए मजबूर हो गए हैं. स्थानीय पैकर्स और मूवर्स के साथ ही कुछ कानूनी फर्मों का कहना है कि चीन के सबसे महत्वपूर्ण शहर शंघाई से लोग तेजी से भाग रहे हैं. जबकि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से सलाह ली है कि शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है, प्रतिबंध के बीच वह शहर छोड़ने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं.
ढाई करोड़ की आबादी वाले शहर में हाहाकार
ढाई करोड़ की आबादी वाले शहर में मल्टीनेशनल कंपनियों की भरमार है. यहां भारी संख्या में विदेशी रहते हैं, लेकिन कोविड के केस बढ़ने के बाद इन्होंने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मूवर्स शंघाई M&T के संस्थापक माइकल फाउंग ने कहा कि आम तौर पर हमें हर महीने करीब 30-40 ऑर्डर मिलते थे. लेकिन इस महीने इस तरह के ऑर्डर में भारी इजाफा हुआ है.
खाने तक को भटक रहे विदेशी नागरिक
एजेंसी के मुताबिक शंघाई में कोविड के केस बढ़ने के बाद दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं, आलम ये है कि यहां लोगों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा है. 10 विदेशी नागरिकों ने बताया कि उन्हें खाने का इंतजाम करने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं, हर पल इस बात का भी डर बना रहता है कि घर को कोई सदस्य संक्रमित न हो जाए, अगर किसी को कोविड हो गया तो मरीज को आइसोलेशन में ले जाया जा रहा है, ऐसे में परिजनों को परिवार से दूर होने का डर भी सता रहा है.
शंघाई में एक विदेशी नागरिक जेनिफर ली ने बताया कि लॉकडाउन से पहले मैं जो चाहती थी, वह करने के लिए आजाद थी. मुझे कभी किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं हुई. लेकिन लॉकडाउन के बाद मैंने सत्ता की ताकत और एक डर को महसूस किया. मैं यहां पर पिछले 11 साल से रह रही थी, लेकिन अब यहां से निकलना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि कोविड के दौर में हमें ये अहसास हुआ कि इंसानों का जीवन और मेंटल हेल्थ इस सरकार के लिए कतई महत्वपूर्ण नहीं है.
शहर छोड़ने वाले लोगों ने बताया कि एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए मुसीबत हो रही है. कैब के लिए 500 डॉलर का भुगतान करना पड़ रहा है. हालांकि आमतौर पर एयरपोर्ट तक जाने का किराया महज 30 डॉलर होता है. इसके अलावा कुछ फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. इसके चलते लोग एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं.
एजेंसी के मुताबिक एक विदेशी नागरिक ने बताया कि उन्होंने और उनकी 5 महीने की बेटी ने पुडोंग एयरपोर्ट के फर्श पर सोकर 7 दिन गुजारे. खाने का संकट खड़ा हो गया. उन्होंने कहा कि मैंने जो भुगता है, वह खतरनाक है. मुझे बस अपने देश वापस जाने दो. मैं वहीं कुछ कर लूंगा.
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