केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस-रोधी टीका मॉडर्ना की पहली खेप अगले कुछ दिनों में भारत पहुंच सकती है. सूत्रों ने शनिवार को सीएनएन-न्यूज़18 को यह जानकारी दी. सभी वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा शुरू की गई वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम 'कोवैक्स' हिस्सा हैं और इसी के तहत भारत को मॉडर्ना वैक्सीन देने की तैयारी हो रही है. 'कोवैक्स' एक वैश्विक पहल है जिसके तहत आय के स्तर को नजरअंदाज कर सभी देशों को त्वरित और समान रूप से कोविड-19 का टीका देने का प्रयाय किया जा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने 29 जून को ही बताया था कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मुंबई की औषधि कंपनी सिपला को आपात उपयोग के लिए मॉडर्ना के कोविड-19 टीके के आयात की अनुमति दे दी है. कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक के बाद मॉडर्ना का टीका भारत में उपलब्ध होने वाला कोविड-19 का चौथा टीका होगा.
सरकारी सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज़19 को बताया, 'भारत सरकार को उम्मीद है कि देश में मॉडर्ना वैक्सीन की पहली खेप अगले कुछ दिनों में पहुंच जाएगी.' हालांकि, पहली खेप में वैक्सीन के कितने डोज आएंगे, इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल सकी है.
मॉडर्ना ने एक पत्र में 27 जून को डीसीजीआई को सूचना दी कि अमेरिकी सरकार यहां उपयोग के लिए कोविड-19 के अपने टीके की एक विशेष संख्या में खुराक 'कोवैक्स' के जरिए भारत सरकार को दान में देने के लिए सहमत हो गई है. साथ ही, उसने इसके लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी है. सिपला ने 28 जून को अमरिकी फार्मा कंपनी की ओर से इन टीकों के आयात और विपणन का अधिकार देने के लिए औषधि नियामक से अनुरोध किया था, जिसे 29 जून को मंजूरी दे दी गई.
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