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कोरोना वायरस: डॉक्टरों के लिए पहेली बना कोरोना का ये बिल्कुल नया लक्षण

jantaserishta.com
27 April 2021 4:59 AM GMT
कोरोना वायरस: डॉक्टरों के लिए पहेली बना कोरोना का ये बिल्कुल नया लक्षण
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कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से इतने मिलते-जुलते हैं कि इनमें फर्क समझना भी मुश्किल है. हालांकि एक नई रिपोर्ट में कोरोना वायरस के बिल्कुल नए लक्षण बताए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमण होने पर मरीज की प्लेटलेट्स अचानक से गिर जाती हैं और उसे बहुत ज्यादा थकावट महसूस होने लगती है. जबकि बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण बाद में उभरते हैं. इन शुरुआती लक्षणों को इग्नोर करना घातक साबित हो सकता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आजाद नगर पारा रोड के अलीम शेख (60) ने 18 अप्रैल को बहुत ज्यादा थकावट महसूस होने के बाद एक ब्लड टेस्ट करवाया. उन्होंने ये ब्लड टेस्ट डॉक्टर की सलाह पर करवाया था जिसमें पता चला कि उनके शरीर की प्लेटलेट्स अचानक गिरकर 85,000 रह गई हैं. एक इंसान के शरीर में सामान्यत: डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख के बीच प्लेटलेट्स होनी चाहिए.
अलीम शेख ने डॉक्टर के कहने पर दवाइयां लेना शुरू कर दिया, लेकिन 23 अप्रैल को उन्हें अचानक सांस की भयंकर तकलीफ होने लगी. इसके बाद उनका एक और ब्लड टेस्ट हुआ जिसमें पता लगा कि उनके शरीर की प्लेटलेट्स अब घटकर सिर्फ 20,000 ही रह गई हैं.
मरीज की हालत बिगड़ती देख परिवार के सदस्यों ने उन्हें भर्ती कराने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन सभी ने ये कहकर इनकार कर दिया कि उनके पास ऑक्सीज सपोर्टेड बेड नहीं हैं. अलीम की भतीजी सना ने बताया कि इलाज मिलने के इंतजार में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
कुछ ऐसा ही बालागंज निवासी राजकुमार रस्तोगी (59) के साथ हुआ. ज्यादा थकावट महसूस होने के बाद जब उन्होंने ब्लड टेस्ट करवाया तो पता लगा कि उनके शरीर में केवल 21,000 प्लेटलेट्स ही बची हैं. लेकिन 16 अप्रैल को उन्हें अचानक सांस में तकलीफ होने लगी. उनके बेटे स्वप्निल ने कहा, 'एक प्राइवेट अस्पताल में सीटी स्कैन कराने पर पता चला कि उन्हें कोविड निमोनिया की शिकायत है.'
स्वप्निल ने बताया कि शुरुआती स्टेज पर उनके पिता को कभी सूखी खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ की शिकायत नहीं हुई, जिन्हें कोविड-19 का सामान्य लक्षण समझा जाता है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद 17 अप्रैल को उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 20 को उनकी मौत हो गई. फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते उनकी हालत बहुत बिगड़ गई थी और अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा तक नहीं थी.
सरोजनी नगर के निवासी अनूप कुमार (78) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उनका प्लेटलेट काउंट भी अचानक से गिर गया था. उन्होंने भी थकावट और कमजोरी महसूस होने के बाद डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट करवाया था. अच्छी बात ये थी कि डॉक्टर ने उन्हें कोविड-19 के लिए RT-PCR टेस्ट कराने को कहा था और उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई.
अनूप फिलहाल आइसोलेशन में हैं और वो कहते हैं, 'मुझे कभी बुखार नहीं हुआ और न ही बीमारी का कोई लक्षण कभी सामने आया, लेकिन फिर भी मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. समय पर बीमारी के बारे में पता चलने पर मुझे रिकवर होने में मदद मिली.'
रेस्पिरेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट KGMU के प्रोफेसर संतोष कुमार कहते हैं, 'हर एक वायरल इंफेक्शन में प्लेटलेट काउंट गिरता है. इसलिए थकान को इग्नोर किए बिना कोविड-19 का टेस्ट कराना चाहिए. कोविड-19 के लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं, लेकिन अब डायरिया, आंखों में लालपन, चकत्ते और थकावट जैसे कई नए लक्षण भी सामने आए हैं. शरीर में ये लक्षण दिखते ही लोगों को कोविड-19 की जांच करानी चाहिए.
RML इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंज के डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, 'थकान या अस्वस्थता वायरल बुखार के लक्षण हैं. कोविड भी एक तरह का वायरल है जिसमें लोगों को बुखार के साथ ये दोनों महसूस होते हैं. सामान्य तौर पर एक इंसान का प्लेटलेट काउंट 1.5 से 4.5 लाख ब्लड प्रतिलीटर होता है. लेकिन कई मामलों में ये 75,000 से 85,000 प्रति लीटर तक चला जाता है. कई बार डेंगू या किसी अन्य बीमारी में मरीज की गलती से भी प्लेटलेट काउंट गिर जाता है. हमारी सलाह है कि यदि कोई व्यक्ति थकावट या अस्वस्थ महसूस करे तो वो तुरंत कोविड-19 का टेस्ट कराए.'

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