भारत
पूरे देश में कोरोना वायरस बन रहे 6 महीने पहले जैसे हालात, सामने आ रहे रिकॉर्ड मामले
Deepa Sahu
2 April 2021 6:39 PM GMT
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कोरोना वायरस संक्रमण
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति एक बार फिर गंभीर हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश वापस उसी स्थिति में लौट रहा है जिस स्थिति में हम करीब छह महीने पहले थे। नए साल की शुरुआत के साथ देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन वायरस की अगली लहर ने एक बार फिर स्थिति चिंताजनक कर दी है।
एक अप्रैल 2021 को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 81,466 नए मामले सामने आए। इससे पहले अभी तक एक दिन में कोरोना के सर्वाधिक मामले 16 सितंबर 2020 को सामने आए थे। तब यह संख्या 97,894 थी। अब दोनों में तुलना करें तो अंतर कुछ खास ज्यादा नहीं है। वहीं, इस बीच जनवरी-फरवरी की बात करें तो नए मामले फरवरी मध्य तक एक तरह से नियंत्रण में रहे।
लेकिन, फरवरी अंत तक इन मामलों में जो इजाफा शुरू हुआ, उसकी तस्वीर सबके सामने है। देश में एक बार फिर लॉकडाउन की चर्चा शुरू हो गई है। कई राज्यों ने उन इलाकों में लॉकडाउन लागू भी कर दिया है जहां कोरोना के नए मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। बीते दिनों अकेले मुंबई में कोरोना के इतने मामले सामने आ रहे हैं जितने जनवरी-फरवरी में पूरे देश में आ रहे थे।
आखिर क्यों अचानक से बढ़ रहे हैं कोरोना केस
लापरवाही: कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। वैक्सीन आने के साथ ही लोगों ने मास्क पहनना और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन करना बंद कर दिया। नतीजा, हम सबके सामने है।
नए स्ट्रेन: कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने भी इसमें भूमिका निभाई है। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वायरस की संक्रामक क्षमता पहले के मुकाबले 70 फीसदी अधिक बताई जा रही है, जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ा।
प्रतिबंधों में ढील: वैक्सीन आने के साथ प्रतिबंधों में ढील दी गई। माना जा रहा था कि लोग वैक्सीन लगवाने तक नियम मानेंगे और स्थिति सामान्य रहेगी। लेकिन, स्थिति इसके उलट ही रही। छूट मिली तो नियम भी ताक पर पहुंच गए।
महाराष्ट्र में कोरोना विस्फोट
एक समय में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा महाराष्ट्र फिर उसी स्थिति में पहुंच गया है। शुक्रवार को यहां कोरोना संक्रमण के 48,827 नए मामले दर्ज किए गए। यह अभी तक किसी भी राज्य में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसे लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और एक तरह से अल्टीमेटम दिया है कि अगर जनता ने लापरवाही बंद नहीं की तो लॉकडाउन की एकमात्र रास्ता बचेगा। वहीं, मुंबई में शुक्रवार को 8832 नए मामले सामने आए।
राजस्थान में भी नहीं है राहत
राजस्थान में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 10 दिन में कोरोना मामलों की संख्या तीन गुना हो गई है। यहां इस साल एक अप्रैल को कोरोना के सबसे ज्यादा मामले (1350) दर्ज किए गए, वहीं 10 दिन पहले यानी 23 मार्च को यह संख्या केवल 480 थी। यहां चिता की बात ये है कि सामने आ रहे मामलों में करीब 80 फीसदी एसिम्टोमैटिक हैं, यानी उनमें कोरोना बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इस वजह से यहां संक्रमण फैलने का खतरा और गंभीर हो गया है।
राजस्थान सरकार ने राज्य के 10 शहरों में रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का एलान किया है। इन शहरों में जोधपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, आबूरोड, कुशलगढ़, सागवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़ और जयपुर शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए जनता से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने शुक्रवार को यह अनुरोध करते हुए कहा कि अब कोरोना वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक है।
मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड मामले
मध्यप्रदेश में भी कोरोना संकट गंभीर होता जा रहा है। यहां पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 2777 नए मामले सामने आए हैं। नए दैनिक मामलों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले एक दिन में 18 सितंबर को 2607 नए मामले दर्ज किए गए थे। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में स्थिति चिंताजनक हो रही है। राज्य में अब कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच गई है। यहां अभी तक कोरोना के चलते 4014 लोगों की मौत हुई है औक दो लाख 77 हजार 484 लोग ठीक हो चुके हैं राज्य में अभी भी कोरोना के 19,336 सक्रिय मामले हैं।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में लॉकडाउन
छत्तीसगढ़ में भी कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 4617 नए मामले मिले हैं। एक दिन में सामने आने वाले कोरोना मामलों का राज्य में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यहां के दुर्ग शहर में 996 मामले सामने आए, जिसके बाद यहां पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके अलावा राज्य के 20 शहरों में रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। यहां कोरोना के फिलहाल 28,987 सक्रिय मामले हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए हैं और कहा है कि प्रभावित जिलों की समीक्षा कर लॉकडाउन पर फैसला लें।
फेल हो रही आरटी-पीसीआर जांच
कोरोना के नए मामलों में तेजी के साथ एक चिंता का विषय जांच भी है। कुछ जगहों पर ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना वायरस पकड़ में ही नहीं आ रहा है। ऐसे लोगों की आरटी-पीसीआर जांच तो निगेटिव आ रही है, लेकिन उनका सीटी स्कैन कराने पर फेफड़ों में संक्रमण का पता चल रहा है। राजस्थान में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में एक बड़ी चुनौती जांच का नया और प्रभावी तरीका विकसित करने की है।
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