दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को रोकने के लिए जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन का टीका लाया जा रहा है. भारत भी कोरोना वैक्सीन को लेकर अपनी तैयारी कर रहा है. कोरोना की वैक्सीन भारत में आए इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने बताया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन राज्य के लोगों को मुफ्त में दी जाएगी. इससे पहले बीजेपी ने बिहार में मुफ्त वैक्सीन देना का ऐलान किया था. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने भी मुफ्त में वैक्सीन देने का वादा किया था. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें उसने विभिन्न वादों में से एक कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया था. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य के लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी.
वहीं असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने ऐलान किया था कि राज्य में लोगों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी. वहीं तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंदर का कहना था कि वैक्सीन बन जाने पर उनके राज्य की गरीब जनता और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी.
दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को जल्द से रोकने के लिए कोरोना की वैक्सीन लाई जा रही है, लेकिन अभी सिर्फ तीन देश हैं जो इस वायरस के टीके को मुफ्त दे रहे हैं. हालांकि कई देश हैं जो इस वायरस को खरीदने की होड़ में हैं. इनमें सबसे पहले जापान है, जहां 12.6 करोड़ की आबादी को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी. टीका देने के लिए दो दिसंबर को उच्च सदन में स्वीकृति के बाद कानून बन गया है.
इन महंगी वैक्सीनों में फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड, स्पुतनिक और चीनी कंपनी के बनाए कोविड-19 के टीके शामिल हैं, जिसकी कई देशों ने एडवांस में खरीदारी कर ली है. लेकिन इसे खरीदने के बावजूद जनता को मुफ्त में टीका देने के बारे में भी देश विचार कर रहे हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक ने मुफ्त वैक्सीन की घोषणा की थी. जबकि नॉर्वे की सरकार ने अक्टूबर में ही ऐलान कर दिया था कि वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी.