नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों को कोविड-19 के टीकाकरण के कामकाज को देखने और समन्वय करने के लिए समिति गठित करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका कम से कम असर पड़े। केंद्र ने कहा कि सोशल मीडिया पर शुरुआत से ही नजर रखी जाए ताकि उन अफवाहों पर लगाम लगाई जा सके, जिसका असर समुदाय में टीके की स्वीकार्यता पर पड़ सकता है।
केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस के टीके को देने में करीब एक साल का समय लगेगा और इसमें विभिन्न समूहों को शामिल किया जाना है, जिसकी शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके मद्देनजर राज्य और जिला स्तर पर समिति बनाने को कहा है, जो टीकाकरण की तैयारियों जैसे टीकों को रखने के लिए शीत गृह की श्रृंखला, परिचालन तैयारी, भौगोलिक आधार पर राज्य विशेष की चुनौती आदि की समीक्षा करेगी।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य संचालन समिति (एसएससी), अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) के नेतृत्व में राज्य कार्यबल (एसटीएफ) और जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला कार्यबल (डीटीएफ) बनाने का सुझाव दिया है।
पत्र के साथ संलग्न परिशिष्ट में समितियों के कार्यों को भी रेखांकित किया गया है, जैसे एसएसी सुनिश्चित करेगी कि सभी संबंधित विभाग सक्रिय रूप से कार्य करें और जनभागीदारी के लिए नवोन्मेषी रणनीति बनाए ताकि सभी के लिए टीकाकरण सुनिश्चित हो सके।