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Corona Vaccine: लैंसेट की स्टडी में खुलासा, कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी रही Covaxin, जानिए
Bhumika Sahu
12 Nov 2021 4:54 AM GMT
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लैंसेट की तरफ से बयान जारी किया गया कि निष्क्रिय वायरस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कोवैक्सीन दो खुराक दिए जाने के दो हफ्तों बाद मजबूत एंटीबॉडी प्रक्रिया की शुरुआत करती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी रही है. इस बात की जानकारी मेडिकल जर्नल लैंसेट (Lancet) में प्रकाशित हुए स्टडी से मिली है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर तैयार किया है.
लैंसेट की तरफ से बयान जारी किया गया कि निष्क्रिय वायरस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कोवैक्सीन दो खुराक दिए जाने के दो हफ्तों बाद मजबूत एंटीबॉडी प्रक्रिया की शुरुआत करती है. जर्नल में कहा गया है कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन से जुड़े मौत के गंभीर मामले दर्ज नहीं किए गए. भारत में नवंबर 2020 से मई 2021 तक चले इस ट्रायल में 18-97 आयुवर्ग के 24 हजार 419 प्रतिभागी शामिल हुए थे.
The Lancet peer-review confirms the efficacy analysis of Bharat Biotech's Covaxin - As per phase-three clinical trials data, Covaxin demonstrates 77.8% efficacy against symptomatic COVID19 pic.twitter.com/6tnUneq3e6
— ANI (@ANI) November 12, 2021
डब्ल्यूएचओ की मंजूरी से आसान होगी अंतरराष्ट्रीय यात्रा
भारत बायोटेक और ICMR की तरफ से आंतरिक अध्ययन के आर्थिक मदद दी गई थी. साथ ही इसमें दोनों संस्थानों के अधिकारी भी कुछ हद तक शामिल थे. कहा जा रहा है कि भारत में जल्दी मंजूरी मिलने को लेकर खडे़ हुए विवाद से निपटने में यह आंकड़े मददगार हो सकते हैं. कोवैक्सीन को भारत में जनवरी में मंजूरी मिल गई थी. उस दौरान वैक्सीन के अंतिम दौर के ट्रायल पूरे किए जाने बाकी थे.
WHO की तरफ से इस महीने की शुरुआत में कोवैक्सीन को स्वीकृति देने से टीके की खुराक ले चुके भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान हो जाएगी और भारत उन देशों से भी बात कर रहा है जो भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी टीकों को मान्यता देने के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
'सभी 96 या अधिक देश दोनों टीकों को स्वीकार करेंगे'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को या तो मंजूर कर लिया है या कुछ देशों ने केवल कोविशील्ड या कोवैक्सीन को ही मंजूरी दी है. डब्ल्यूएचओं ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों टीकों को मान्यता दी है. उन्होंने कहा, 'लेकिन हमें उम्मीद है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी दिए जाने से इस सूची का विस्तार होगा और सभी 96 या अधिक देश दोनों टीकों को स्वीकार करेंगे. मुझे लगता है कि यह (मंजूरी) टीके की खुराक ले चुके भारतीयों की विदेश यात्रा को आसान बनाने में काफी सुधार लाएगी.'
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