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भारत में इस महीने तक आ सकती है कोरोना वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ने दिया संकेत

Triveni
20 Nov 2020 1:29 PM GMT
भारत में इस महीने तक आ सकती है कोरोना वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट ने दिया संकेत
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भारत में कोरोना की वैक्सीन जनवरी तक आ सकती है। ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका पीएलसी कोरोना वैक्सीन भारत की एक कंपनी बना रही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत में कोरोना की वैक्सीन जनवरी तक आ सकती है। ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका पीएलसी (AstraZeneca Plc) कोरोना वैक्सीन भारत की एक कंपनी बना रही है, उसने यह दावा किया है कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल के शुरुआती महीने जनवरी में देश को कोरोना वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगी। भारतीय कंपनी के प्रमुख ने कहा कि यह जनवरी तक स्वास्थ्य वर्करों, संक्रमितों और बुजुर्ग भारतीयों तक पहुंचा सकता है, क्योंकि देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या शुक्रवार को 90 लाख को पार कर गई है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) पहले ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से विकसित होने वाली वैक्सीन की लाखों खुराक का निर्माण कर चुकी है जबकि देर-सवेर परीक्षणों के परिणामों का इंतजार है। ब्रिटेन स्थित एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने दुनिया भर की कंपनियों और सरकारों के साथ कई आपूर्ति और विनिर्माण सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं।

गुरुवार को मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित आंकड़ों से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका के टीकों ने बुजुर्गों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। शोधकर्ताओं ने क्रिसमस से पहले और अच्छे परीक्षण के परिणाम जारी करने की उम्मीद जताई है। वहीं, दूसरी ओर अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) और मॉडर्न इंक (Moderna Inc) ने अंतिम चरण के परीक्षणों के आंकड़े जारी किए हैं। जो कि उनके टीके 90 फीसद से अधिक प्रभाव दिखे हैं। भारत भी अमेरिकी दंवा कंपनी फाइजर और मॉडर्न इंक की वैक्सीन की प्रगति पर नजरें बनाए हुए है। हालांकि, देश की जनसंख्या को देखते हुए इन वैक्सीन की उपलब्धता और आपूर्ति भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला (Adar Poonawaala) ने कहा कि एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्सीन को जैसे ही ब्रिटेन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंजूरी दे दी और इसे आम जनता के लिए उपलब्ध करा दिया तो। उनकी कंपनी (SII) भारत में इमरजेंसी मामलों में इसके प्रयोग के लिए वैक्सीन की मांग करेगी।

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