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मार्च से लग सकती है 12-14 साल के बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन, डॉक्टर ने दी जानकारी

Nilmani Pal
17 Jan 2022 3:48 AM GMT
मार्च से लग सकती है 12-14 साल के बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन, डॉक्टर ने दी जानकारी
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दिल्ली। देश में जैसे-जैसे कोरोना (Covid-19) और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे केंद्र और राज्‍य सरकार ने वैक्‍सीनेशन (Vaccination) की प्रक्रिया को तेज कर द‍िया है. देश में अभी 15-17 साल की उम्र वाले बच्‍चों को भी कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा रही है. इस बीच एक और अच्‍छी खबर सामने आई है, जहां नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के चेयरमैन (NTAGI) डॉ एन के अरोड़ा ने बताया है कि मार्च से 12-14 साल के बच्‍चों को भी यह वैक्‍सीन लगनी शुरू हो जाएगी. बता दें कि देश में अब तक 15-17 साल के तीन करोड़ से ज्यादा बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

अब तक लगभग 45% बच्चों को वैक्सीन लग चुकी है. बड़ी बात यह है कि भारत ने मुकाम मात्र 13 दिन में ही हासिल कर लिया है. भारत में 15-17 साल के बच्चों की वैक्सीनेशन प्रक्रिया तीन जनवरी से शुरू हुई है. डॉक्‍टर अरोड़ा ने ने बताया, 'जनवरी के अंत तक 15-17 साल के 7.4 करोड़ बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी.' उन्‍होंने कहा, 'इसके बाद फरवरी के शुरुआत से हम इन बच्चों को दूसरी डोज देना शुरू कर देंगे और महीने के अंत तक सबको वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाएगी. इसके बाद हम 12-14 साल के बच्चों को फरवरी के अंत से या फिर मार्च के शुरू से वैक्सीन देना शुरू कर सकते हैं.' भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदान कर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है.

देश में जारी टीकाकरण अभियान को रविवार को एक साल पूरा हो गया. अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 156 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं. प‍िछले साल 16 जनवरी से ही देश में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देकर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी. इस एक साल में वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए सरकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ी. एक तरफ जहां लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करना एक बड़ी चुनौती थी तो वहीं इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर भी काफी मशक्कत करनी पड़ी.


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