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भारत में कोरोना वैक्सीन: एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने उठ रहे सवाल पर दिया जवाब, आप भी जाने क्या कहा?

jantaserishta.com
3 Jan 2021 12:22 PM GMT
भारत में कोरोना वैक्सीन: एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने उठ रहे सवाल पर दिया जवाब, आप भी जाने क्या कहा?
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ANI

नई दिल्ली: कोरोना काल में 3 जनवरी 2021 का दिन अहम रहा. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने देश में दो कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन'के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. इस पर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रनदीप गुलेरिया ने कहा कि ये देश के लिए बहुत बड़ा दिन है और ये साल को शुरू करने का बढ़िया तरीका है. दोनों वैक्सीन भारत में ही बने हैं. ये कॉस्ट इफेक्टिव हैं. हमें जल्द वैक्सीन को रोल आउट (लॉन्च) कर देना चाहिए.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''यह समझना महत्वपूर्ण है कि जब हम किसी वैक्सीन पर विचार करते हैं, तो सुरक्षा सर्वोपरि है और इसलिए वैक्सीन विभिन्न चरणों से गुजरती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह सुरक्षित है. इसके बाद ही हम ह्यूमन ट्रायल की तरफ आते हैं. सभी डाटा को समीक्षकों द्वारा देखा जाता है जिसके बाद वैक्सीन को मंजूरी दी जाती है."


रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब इमरजेंसी स्थिति आएगी और मामलों में अचानक वृद्धि होगी और हमें टीकाकरण की जरूरत होगी तो इस परिस्थिति में भारत बायोटेक की वैक्सीन का इस्तेमाल होगा.
रविवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की है. डीसीजीआई डॉ वी जी सोमानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा, ''सीडीएससीओ ने पर्याप्त अध्ययन के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है और तदनुसार मेसर्स सीरम और मेसर्स भारत बायोटेक के टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की जा रही है.''
इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा, ''सीरम और भारत बायोटेक के वैक्सीन की दो खुराक लगाई जाएंगी. इन वैक्सीन का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर करना होता है.''
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने 'कोविशील्ड' के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर 'कोवैक्सीन' का विकास किया है.
भारत में कोविड-19 रोधी दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की जंग में निर्णायक क्षण बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि इससे कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण. सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटक के टीकों को डीसीजीआई की मंजूरी से एक स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा. इस मुहिम में जी-जान से जुटे वैज्ञानिकों-इनोवेटर्स को शुभकामनाएं और देशवासियों को बधाई.''
पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ''यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं. यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है. वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया.''


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