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देश के बच्चों के लिए आ गई कोरोना वैक्सीन, जायडस कैडिला ZyCoV-D टीके को DCGI से मंजूरी

Shantanu Roy
21 Aug 2021 2:07 AM GMT
देश के बच्चों के लिए आ गई कोरोना वैक्सीन, जायडस कैडिला ZyCoV-D टीके को DCGI से मंजूरी
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जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई. 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को ये वैक्सीन लगाई जा सकती है. जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को ZyCoV-D नाम दिया गया है, यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन है. वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से मंजूरी दे गई है.

इस वैक्सीन को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर बनाया गया है. भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D कई मायनों में खास है. इसकी एक या दो नहीं बल्कि तीन खुराक लेनी होंगी. साथ ही साथ यह नीडललेस है, मतलब इसे सुई से नहीं लगाया जाता. इसकी वजह से साइड इफेक्ट के खतरे भी कम रहते हैं.
बिना सुई के लगेगी वैक्सीन
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है. इसके साथ-साथ इसे बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक (PharmaJet needle free applicator) से लगाया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे कम होते हैं. बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं. मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से टीका की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है.
कितनी असरदार है वैक्सीन?
28,000 से अधिक वालंटियर पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल अंतरिम नतीजों में यह वैक्सीन आरटी-पीसीआर पॉजिटिव केसों में 66-6% तक असरदार दिखी है. यह भारत में कोरोना वैक्सीन का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल था.
पीएम बोले- भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी से लड़ रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी के साथ लड़ रहा है. दुनिया की पहली डीएनए आधारित जायडस कैडिला की वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों के इनोवेटिव उत्साह को दर्शाती है.
देश में 6वीं वैक्सीन, जिसे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली
अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला ने दुनिया की पहली DNA बेस्ड कोविड वैक्सीन बनाई है. ट्रायल में ये 66% तक असरदार साबित हुई है. कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक V, मॉडर्ना और जॉनसन के बाद जायडस कैडिला 6ठी वैक्सीन है, जिसे मंजूरी मिली है.
हालांकि, भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है.देश के बच्चों के लिए आ गई कोरोना वैक्सीन
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