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संपर्क में आने से तेजी से फैल रहा कोरोना, कुछ राज्यों के हालात चिंताजनक

Admin2
2 Aug 2021 4:34 PM GMT
संपर्क में आने से तेजी से फैल रहा कोरोना, कुछ राज्यों के हालात चिंताजनक
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भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के संकेत मिलने लगे हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चेन्नई में इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस की ओर से गई स्टडी में जो बात सामने आई है उससे यह संकेत मिल रहा है कि वायरस एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है। इस इंस्टीट्यूट ने अपनी स्टडी में बताया है कि भारत में SARS-CoV-2 की प्रजनन दर यानी 'आर' वैल्यू 7 मई के बाद पहली बार 1 को पार कर गया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस में कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान और थियोरेटिकल फिजिक्स के प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने बताया है वायरस का आर वैल्यू 27 जुलाई को 1 को पार कर गया है। ऐसा 7 मई के बाद पहली बार देखने को मिला है। 27 से 31 जुलाई के बीच वायरस का आर वैल्यू 1.03 रहा है। इंडिया टुडे के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी ने इसकी पुष्टि की थी कि वायरस का आर वैल्यू 1 को छू रहा है। इससे कुछ दिन पहले वायरस का आर वैल्यू 0.96 था। जिसका मतलब था कि वायरस के फैलने की गति काफी कम है।

साधारण भाषा में वायरस की प्रजनन दर को आर वैल्यू कहते हैं। जिसका मतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित करता है उसे ही आर वैल्यू कहते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति एक और व्यक्ति को संक्रमित करता है तो यहां पर आर वैल्यू 1 होगी। अगर वह दो लोगों को संक्रमित करता है तो यहां पर आर वैल्यू दो होगी। जुलाई में आर वैल्यू एक को पार कर जाने का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति अपने साथ-साथ एक और व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह कोविड-19 की तीसरी लहर के दृष्टिकोण से चिंताजनक है, प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने कहा, निश्चित रूप से। हालांकि, यह भी हो सकता है कि वायरस का आर वैल्यू टिकाऊ न हो और संभवत: अगले कुछ दिनों में यह फिर से 1 से नीचे पहुंच जाए। लेकिन मौजूदा समय में कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले चिंतित करने वाले हैं। खासकर केरल के। जहां पर पिछले सप्ताह 1.4 लाख नए केस आ चुके हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर के भी कुछ राज्य हैं जहां पर कोरोना के प्रसार में तेजी देखने को मिली है।

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